भारी पुलिस बल, कई अफसर, दस बुलडोजर के साथ शत्रु संपत्ति ध्वस्त…

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Nainital Encroachment
Nainital Encroachment

Uttarakhand Devbhoomi Desk: उत्तराखंड में नैनीताल से बड़ी खबर, सरकार का शत्रु संपती (Nainital Encroachment) पर जोर दार एक्शन। नैनीताल के मल्लीताल में शत्रु संपत्ति मेट्रोपोल में सरकार ने 134 अवैध निर्माण को तोड़ने की बड़ी कार्रवाई शनिवार सुबह से ही शुरू कर दी। विभाग और पुलिस अफसरों की मौजूदगी में एक साथ दस बुलडोजर लगातार चल रहे हैं। अब तक 25 से अधिक मकानों को तोड़ा जा चुका है।

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21 जुलाई, शुक्रवार को हाईकोर्ट से अतिक्रमणकारियों की याचिका खारिज होने के बाद प्रशासन और पुलिस ने चुने हुए घरों को खाली कराने का अभियान किया। अतिक्रमण के लपेटे में आये लोगों ने खुद ही घर खाली किये और सामान समेटकर चले गए। रातभर अतिक्रमण में आये लोगों ने अपने घरों की छतों को उखाड़ा। बारिश के बाद लोग चले गए। सुबह मौसम खुलने के बाद प्रशासन बुलडोजर लेकर ध्वस्तीकरण करने पहुच गई।

Nainital Encroachment लोगों का मिला सहयोग

अतिक्रमण हटाने के अभियान के दौरान कानून व्यवस्था न बिगड़े, इसके सारे इंतजाम किए गए हैं। प्रभावित परिवारों (Nainital Encroachment) के दूसरी जगह चले जाने से प्रशासन व पुलिस का काम करना आसान रहा। खुफिया एजेंसियां भी पूरे मामले में सतर्क हैं। इस अभियान के दौरान पुलिस व प्रशासनिक अफसरों की फौज मोर्चे पर डटी है।Nainital Encroachment

एडीएम शिवचरण द्विवेदी, एसडीएम राहुल शाह, गौरव चटवाल, परितोष वर्मा, प्राधिकरण सचिव पंकज उपाध्याय, एसपी सिटी डॉ जगदीश चंद्र, सीओ विभा दीक्षित, हल्द्वानी सीओ भूपेंद्र धौनी, पालिका इओ आलोक उनियाल सहित अन्य अफसर शामिल हैं। एसएसपी पंकज भट्ट ने रात व सुबह गोपनीय तरीके से मेट्रोपोल की कार्रवाई का निरीक्षण किया। जबकि जिलाधिकारी वंदना लगातार अफसरों के सम्पर्क में हैं।

Nainital Encroachment अतिक्रमण पर सख्त हाई कोर्ट

उत्तराखंड हाई कोर्ट ने नैनीताल (Nainital Encroachment) में राजा महमूदाबाद की शत्रु संपत्ति मेट्रोपोल के कब्जेदारों को एसडीएम कोर्ट से जारी नोटिस पर रोक लगाने और रहने के दूसरे इंतजाम करने को लेकर दायर याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की।Nainital Encroachment

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने सभी अतिक्रमणकारियों से कोर्ट में यह लिखित रूप से देने के लिए कहा कि दस दिन के भीतर कब्जा खाली कर देंगे, तभी उन्हें दस दिन का समय दिया जाएगा। ऐसा नहीं करने पर ध्वस्तीकरण का आदेश बना रहेगा। लेकिन लंच के बाद अतिक्रमणकारियों ने लिखित रूप से देने से इन्कार कर दिया, जिसके बाद कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी।

Nainital Encroachment कबूल किया की कब्जा किया है

सुनवाई के दौरान (Nainital Encroachment) अतिक्रमणकारी महमूद अली, ताहिर समेत अन्य आठ की ओर से कहा गया कि वह सालों से मेट्रोपोल में रह रहे हैं। इस पर सरकार का पक्ष रखते हुए महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर और मुख्य स्थाई अधिवक्ता सीएस रावत ने कोर्ट को बताया कि पांच अगस्त 2010 को सरकार ने शत्रु संपत्ति पर कब्जा ले लिया था, जिसमें 116 कब्जाधारी भी शामिल थे।

अब यह किस आधार पर वहां अपना कब्जा (Nainital Encroachment) बता रहे हैं। अब इनकी संख्या बढ़कर 134 हो गई है। यह अवैध अतिक्रमणकारी हैं। इन्हें हटाने का आदेश दिया किया जाए। महाधिवक्ता के अनुसार कोर्ट में याचिकाकर्ताओं ने माना कि उनका कब्जा अवैध है।Nainital Encroachment

कोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद कब्जाधारियों (Nainital Encroachment) ने प्रशासनिक व पुलिस अफसरों की मौजूदगी में शुक्रवार शाम से खुद ही मकान खाली करने आरंभ कर दिए थे। खाली हो रहे मकानों पर प्रशासन ने ताला लगाना शुरू कर दिया था। उसके बाद आज सुबह से ही सरकार का बुलडोजर काम पर लग गया। उत्तराखंड में इसे अब तक का सबसे बड़ा अतिकर्मण हटाने वाली कारवाई मानी जा रही है।

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