आखिर एक बेहद खूबसूरत गांव क्यों तबदील हुआ एक विरान औऱ डरावने गांव में। यूं तो हमारे देश में कईं ऐसी जगहें हैं जो अपने रहस्यमय कारणों से हमेंशा चर्चा में रहती हैं। उन्हीं में से एक गांव है राजस्थान का कुलधरा गांव। इस गांव में सालों से कोई बसेरा नही है। इस गांव के वीरान होने के पीछे कईं घटनाएं प्रचलित हैं। आज ये गांव वीरान हो चुका है। जर्जर हालातों में पड़े यहां के खंडहर आज भी उन घटनाओं की गवाही देते हुए दिखते हैं।
माना जाता है कि ये गांव पहले बेहद खूबसूरत था। जिस हालात में ये गांव अब है वैसा पहले कभी नहीं था।
पालीवाल ब्राह्मण आज से लगभग 200 साल पहले काफी संख्या में यहां रहा करते थे। 1825 में अचानक इस गांव के सभी ब्राह्मणों ने गांव खाली कर दिया था। लोगों का कहना है कि गांव को खाली करते समय इन ब्राह्मणों ने गांव को एक श्राप दिया था कि जो भी यहां बसने की कोशिश करेगा वो बर्बाद हो जाएगा। और तब से लेकर आज तक ये गांव वीरान पड़ा हुआ है।
आखिर ऐसी नौबत क्यों आई कि इन लोगों ने गांव को श्राप दे डाला।
पौराणिक कथाओं के मुताबिक इस गांव को पालीवाल के ब्राह्मणों ने साल 1921 में बसाया था। वे सभी ब्राह्मण पाली के निवासी थे। इसके साथ ही 11वीं शताब्दी में वे सभी पाली से विस्थापित होकर राजस्थान के अलग अलग स्थानो जैसलमेर, जोधपुर, साथलमेर, बीकानेर में आकर रहने लगे। उस दौरान कुलधरा काफी समृद्ध गांव हुआ करता था। यहां हर सुविधाएं थी बड़ी बडी हवेलियां हुआ करती थी।

मान्यताओं के अनुसार यहां की रियासत के दीवान सालेम सिंह की नजर गांव के ब्राह्मण की पुत्री शक्ति मैया पर थी। वह उसके साथ विवाह करना चाहते थे। वहीं दूसरी तरफ गांव के ब्राह्मण अपनी पुत्री की शादी किसी दूसरी बिरादरी में नहीं करना चाहते थे।
ऐसे में सालेम सिंह ने ये धमकी दे डाली की यदि शक्ति मैया की शादी उससे नहीं करवाते तो वो पूरे गांव को बर्बाद कर देगा। ऐसे में फिर गांव के ग्रामिणों ने एक सभा बुलाई और उसमें ये निर्णय लिया गया कि वो सभी इस गांव को छोड़कर चले जाएंगे। उसके बाद सभी ग्रामिण रातों रात उस गांव को छोड़कर चले गए। जाते वक्त सभी ने ये श्राप दिया कि जो भी इस गांव को बसाने की कोशिश करेगा वो बर्बाद हो जाएगा।
वहीं एक और कथा के अनूसार सालेम सिंह द्वारा गांव में अत्यधिक कर्ज वसूले जाने की वजह से गांव वाले परेशान थे और उन्होंने गांव छोड़ दिया।
वहीं तीसरी कथा के अनुसार पालीवाल ब्राह्मणों द्वारा इस गांव को छोड़ने की वजह थी गांव में अत्यधिक मात्रा में पानी की कमी और सूखा।
वहीं कई लोगों का कहना है कि गांव को श्राप मिलने के कारण भूतिया घटनाएं होती हैं।