नैनीताल, ब्यूरो। कुछ दिन पूर्व रामनवमी के मौके पर देवघर में हुए रोपवे हादसे से देशभर के लोगों में इस सुविधा को लेकर भय कायम है। आसमान में भूखे-प्यासे अटके लोगों में दो की मौत भी हुई थी। काफी मशक्कत के बाद फंसे हुए लोगों को बचाया गया था। पर्यटकों का रोपवे के प्रति भरोसा कायम रखने के लिए नैनीताल में आज बुधवार को कुमाऊं मंडल विकास निगम ने रोपवे हादसों को लेकर मॉकड्रिल किया। इस दौरान रोपवे में फंसे दस लोगों को रस्सी के सहारे पहाड़ी पर उतारा गया। केएमवीएन प्रबंधन के अनुसार रोपवे में किसी तरह की कोई तकनीकी गड़बड़ी नहीं है। आपातकालीन स्थिति के लिए निगम के पास रेस्क्यू टीम भी हर वक्त तैयार रहती है।
दरअसल, आज बुधवार को उत्तराखंड शासन के निर्देश पर मल्लीताल में केएमवीएन के रोपवे में रेस्क्यू अभियान का माॅकड्रिल अभ्यास किया गया। सुबह नौ बजे से शुरू हुआ ट्रायल करीब 45 मिनट तक चला। इस दौरान कुछ देर के लिए ट्रॉली पर सवार स्टाफ हवा में लटका रहा, फिर केबिन ऑपरेटर के साथ ही रेस्क्यू टीम की मदद से ट्राली से लोगों को पहाड़ी पर सुरक्षित रेस्क्यू किया गया। अभियान में दमकल विभाग के कर्मचारी भी शामिल रहे। निगम के जीएम एपी बाजपेयी ने बताया कि रोपवे का तकनीकी परीक्षण पूरी तरह सफल रहा।
वहीं, दूसरी ओर केएमवीएन के प्रबंधक शिवम शर्मा ने बताया कि नीचे वाली रोप से सबको सुरक्षित निकाला गया। करीब 700 मीटर लंबाई के मल्लीताल रोपवे की ट्राली में 2015 और 2019 में पर्यटक फंस चुके हैं। इन्हें भी बड़ी मशक्कत के बाद रेस्क्यू किया गया। हाल ही में झारखंड के देवघर में भी रोपवे हादसे में पर्यटकों की मौत व घायल होने की घटना के बाद देश के हर व्यक्ति के मन में रोपवे को लेकर चिंता बढ़ गई है। इसे देखते हुए उत्तराखंड शासन ने रोपवे के तकनीकी परीक्षण के लिए रेस्क्यू के ट्रायल करने के निर्देश सभी जिलों को दिए थे।