Kasar Devi Temple: क्या है अल्मोड़ा के इस मंदिर की मान्यता?
Kasar Devi Temple: दुनिया में ऐसी कई खूबसूरत जगहें मौजूद हैं जिन्हें देख हर कोई खींचा चला आता है, लेकिन अगर आपको इन खूबसूरत जगहों के साथ एक अलग प्रकार की सकारात्मक ऊर्जा का भी एहसास होने लगे तो, जाहिर सी बात है कि इसके बाद आप अपनी घूमने की लिस्ट में इस जगह को सबसे पहले न. पर रखेगें।
ऐसे सकारात्मक पर्यटक स्थल दुनिया में केवल 3 ही हैं जहां कुदरत के खूबसूरत नजारों के साथ साथ आपका मानसिक तनाव भी कम होता है। इन तीन जगहों में से एक जगह भारत में ही मौजूद है जो उत्तराखंड के अल्मोड़ा में स्थित है। यह अनोखी और रहस्यमयी जगह है अल्मोड़ा का कसारदेवी शक्तिपीठ मंदिर (Kasar Devi Temple), जो अद्वितीय और एक चुंबकीय शक्ति का केंद्र माना जाता है।
इन अलग प्रकार की चुंबकीय शक्तियों (Kasar Devi Temple) पर वैज्ञानिकों द्वारा भी कई शोध किए गए, यहां तक की नासा द्वारा भी दुनिया में मौजूद इन तीनों जगहों के चार्ज होने के पीछे के कारणों और इनसे होने वाले प्रभावों पर कई बार शोध किए गए और आज तक कर ही रहे हैं, लेकिन उनके हाथ भी आजतक कुछ न लग सका।
वैज्ञानिकों द्वारा इस बात पर भी शोध किया जा रहा है कि जो कोई भी इस जगह पर आ रहा है उन लोगों पर इस चुंबकीय पिंड का क्या प्रभाव पड़ रहा है, लेकिन आज भी ये शोध जारी है। हालांकी इस बात का तो पता चला है कि जो भी व्यक्ति इस जगह पर आकर ध्यान लगाने की कोशिश करता है उसके अंदर ध्यान लगाने की क्षमता बढ़ जाती है और साथ ही उसे एक अलग ज्ञान की भी अनुभूति होती है।
इस बात का साक्ष्य इतिहास में भी मिलता है। वर्ष 1890 में स्वामी विवेकानंद यहां कुछ महीनों के लिए आए थे, यहां वह कुछ समय के लिए ध्यान में लीन थे। स्वामी विवेकानंद के अलावा यहां बौद्ध गुरु लामा अंगरिका गोविंदा भी आए थे। उन्होंने यहां की एक गुफा में रहकर काफी समय तक साधना की और उन्हें भी यहां साधना करके एक विषेश प्रकार का ज्ञान हुआ।
इस जगह (Kasar Devi Temple) की विषेश शक्तियों के कारण ही यहां हर साल इंग्लैंड सहित कई देशों से लोग आतें हैं और कुछ समय बिताते हैं।
उत्तराखंड के पर्यावरणविद डॉक्टर अजय रावत द्वारा भी लंबे समय तक इस जगह (Kasar Devi Temple) पर शोध किया गया। डॉक्टर अजय रावत द्वारा बताया गया कि कसारदेवी मंदिर (Kasar Devi Temple) के आस पास का पूरा इलाका एलेन बेल्ट है, ये एक ऐसा स्थान होता है जहां पृथ्वी के अंदर भू-चुंबकीय पिंड होता है। इसमें विद्युतीय चार्ज कणों की एक परत होती है जिसे रेडिएशन भी कहा जा सकता है।
इस शोध में आगे पाया गया कि अल्मोड़ा में मौजूद कसारदेवी मंदिर (Kasar Devi Temple) में उसी प्रकार की चुंबकीय शक्ति का एक विशेष पुंज मौजूद है जो दक्षिण अमेरिका के पेरू के माचू-पिच्चू और इंग्लैंड के स्टोन हेंग में मौजूद है।
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