इस मंदिर में भगवान खुद करते हैं मदिरा का सेवन

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Kal Bhairav Temple: यहां भगवान को मदिरा चढ़ाते ही गायब हो जाती है पात्र से शराब

Kal Bhairav Temple: भारत में कई ऐसे मंदिर हैं जिनके रहस्य पर से आज तक कोई भी पर्दा नहीं उठा पाया है। ऐसा ही रहस्यों से भरा मंदिर है मध्यप्रदेश के उज्जैन का कालभैरव मंदिर (Kal Bhairav Temple). इस मंदिर में कालभैरव की मूर्ती अपने आप ही मदिरा का सेवन करती है। ये दुर्लभ दृश्य देखने के लिए दूर दूर से लोग यहां आते हैं और साक्षात कालभैरव भगवान को मदिरा का सेवन करते देखते हैं।

ये चमत्कारी मंदिर (Kal Bhairav Temple) क्षिप्रा नदी के किनारे बसे भैरवगढ़ इलाके में स्थित है। इस मंदिर में भगवान कालभैरव (Kal Bhairav Temple) को प्रसाद के रूप में मदिरा चढ़ाई जाती है और हैरान कर देने वाली बात तो यह है कि जब इस मदिरा को पंडित जी एक पात्र में डालकर कालभैरव के मूह के पास लेकर जाते हैं और एक मंत्र बोलते हैं तो वैसे ही पूरा का पूरा पात्र खाली हो जाता है।

ये मदिरा सेकेंडों में गायब हो जाती है और इस पात्र में एक बूंद शराब की तक नहीं दिखाई देती। ये अनोखा दृश्य देखने के लिए दूर दूर से लोग यहां आते हैं और ये देख उन्हें खुद को अपनी आखों पर विश्वास नहीं हो पाता है।

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इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि जो भी भक्त कालभैरव भगवान (Kal Bhairav Temple) को मदिरा का चढ़ावा चढ़ाता है उसके अंदर उस वक्त केवल एक ही भाव होना चाहिए और वो ये है कि वह भगवान को अपनी सभी बुराइयां समर्पित कर दें और भगवान उन्हें अच्छाई पर चलने का मार्ग दिखाए।

मंदिर के पंडित जी के मुताबिक इस मंदिर (Kal Bhairav Temple) का जिक्र स्कंदपुराण के अवंति खंड में किया गया है। यहां मौजूद भगवान कालभैरव (Kal Bhairav Temple) की मूर्ति को वैष्णव रूप में पूजा जाता है।

इस मंदिर (Kal Bhairav Temple) को लेकर ये भी कहा जाता है कि इसे उज्जैन के राजा भगवान महाकाल द्वारा बनवाया गया था। इस मंदिर को बनाने का उदेश्य था कि कालभैरव भगवान इस इलाके की रक्षा करें, इसी कारण कालभैरव भगवान को इस इलाके का कोतवाल भी कहा जाता है।      

आपको बता दें कि एक दशक पहले इस मंदिर (Kal Bhairav Temple) की इमारत को मजबूती देने के लिए यहां निर्माण कार्य चला था, इस निर्माण कार्य के दौरान मंदिर के चारों ओर करीबन 12-12 फीट तक खुदाई की गई। इस खुदाई को देखने के लिए दूर दूर से यहां लोग एकत्रित हुए। लोगों की भीड़ जुटने का मुख्य उदेश्य था ये जानना की भगवान कालभैरव (Kal Bhairav Temple) को चढ़ाई जाने वाली मदिरा कहा जाती है, लेकिन किसी को भी इस सवाल का कोई जवाब नहीं मिला।

यहां तक की कई वैज्ञानिक भी इस मंदिर (Kal Bhairav Temple) के रहस्य को जानने की जिज्ञासा से यहां आए और इस पर कई शोध किए लेकिन ये अद्भुत दृश्य देख वैज्ञानिकों के तक होश उड़ गए और आखिर में वैज्ञानिकों के हाथ भी कुछ न लगा।  

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