जंगल की आग हुई विकराल…धुआं-धुआं गांव-शहर, वन संरक्षक ऋषिकेश ने संभाली कमान

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चारों ओर फैला धुआं, रोज अस्पताल में पहुंच रहे कई पीड़ित मरीज

उत्तरकाशी (विनीत कंसवाल): सीमांत जनपद उत्तरकाशी मुख्यालय सहित गंगा और यमुना घाटी के जंगलों में लगी आग विकराल रूप ले रही है। गंगा घाटी में सबसे ज्यादा नुकसान वरुणावत पर्वत के जंगल और नेहरू पर्वत रोहण संस्थान के जंगलों में हो रहा है। यहां करोड़ों रुपये की वन संपदा जल कर राख हो चुकी है। विकराल आग को देखते हुए वन संरक्षक धीरज पांडे मुनिकीरेती ऋषिकेश ने अब कमान अपने हाथों में लेते हुए मोर्च संभाला। वन पंचायत स्तर पर बैठक कर और गांव के युवा ग्रामीणों के साथ आग को कैसे कंट्रोल किया जाय इस पर मंथन किया जा रहा है। वहीं, दूसरी ओर आग से चारों ओर धुआं ही धुआं फैल गया है। लोगों को सांस लेने में दिक्कत और आंखों में जलन समेत कई बीमारियां सामने आ रही हैं। जिला अस्पताल उत्तरकाशी में रोज ऐसी समस्याओं के मरीज पहुंच रहे हैं।

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वन संरक्षक धीरज पांडे ने कहा कि आग पर नियंत्रण रखने के लिये  हर संभव प्रयास किया जयेगा ।वंही वरुणावत पर आग बूझते समय एक फायर वाचक आग की लपटों से घायल हो गया। 17 हेक्टेयर वन भूमि जल कर नष्ट हो गई हैं ।

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शहर में धुआं ही धुआं छाया हुआ है। जिससे आमजनों को खासी परेशानी हो रही है। जिला अस्पताल में जनरल फिजिशियन डॉ – पी एस पोखरियाल ने कहा कि आंखों में जलन, लालपन, सांस लेने में दिक्कतें, गले और नाम में एलर्जी की शिकायतों वाले मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं। आमजन में यह परेशानी जंगलों में लगी आग के धुएं के कारण हो रही है। जिन व्यक्तियों सांस संबंधित परेशानी हो उनके लिए भी

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