/ Dec 09, 2025
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INDIGO CRISIS: हवाई यात्रियों की लगातार बढ़ती परेशानियों को देखते हुए अब केंद्र सरकार ने इंडिगो एयरलाइंस के खिलाफ कड़े कदम उठाने का फैसला किया है। पिछले आठ दिनों से जारी परिचालन संकट और हजारों उड़ानों के रद्द होने के बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एयरलाइन को ‘दंड’ देने की तैयारी कर ली है। केंद्रीय मंत्री के. राम मोहन नायडू ने संसद में स्पष्ट कर दिया है कि शीतकालीन शेड्यूल में इंडिगो के फ्लाइट स्लॉट्स (उड़ान के लिए निर्धारित समय) में कटौती की जाएगी। सरकार की इस सख्ती के बीच मंगलवार को भी यात्रियों को राहत नहीं मिली और देशभर में एयरलाइन की 230 से ज्यादा उड़ानें रद्द रहीं।

मंगलवार को इंडिगो के नेटवर्क में सबसे ज्यादा व्यवधान दक्षिण भारत में देखने को मिला। सूत्रों के अनुसार, केवल बेंगलुरु और हैदराबाद से ही लगभग 180 उड़ानें रद्द की गई हैं। बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कुल 121 उड़ानें (58 आगमन और 63 प्रस्थान) संचालित नहीं हो सकीं। वहीं, हैदराबाद हवाई अड्डे पर 58 उड़ानें (14 आगमन और 44 प्रस्थान) रद्द रहीं। इसके अलावा चेन्नई में 41 और अहमदाबाद में 16 उड़ानों को रद्द करना पड़ा। दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर भी अनिश्चितता के कारण यात्री फंसे रहे।

राज्यसभा में बयान देते हुए केंद्रीय विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा कि इंडिगो द्वारा बड़े पैमाने पर उड़ानें रद्द करना उनके अंदरूनी संकट को दर्शाता है। उन्होंने कहा, “हम निश्चित रूप से इंडिगो की समय सारणी में मार्गों को कम करेंगे। यह एयरलाइन के लिए एक दंड होगा क्योंकि वे उन मार्गों पर उड़ान नहीं भर पाएंगे।” मंत्री ने बताया कि इंडिगो से छीने गए ये स्लॉट अन्य घरेलू एयरलाइनों को आवंटित किए जाएंगे। हालांकि, भविष्य में यदि इंडिगो क्षमता साबित करती है, तो उन्हें ये स्लॉट वापस मिल सकते हैं। अनुमान है कि इंडिगो के करीब 5 प्रतिशत स्लॉट कम किए जा सकते हैं।

आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 7 दिनों में इंडिगो ने 4500 से ज्यादा उड़ानें रद्द की हैं। मंत्री ने बताया कि सरकार ने 2 साल पहले ही नए फ्लाइट सेफ्टी नियमों (FDTL) की घोषणा कर दी थी, लेकिन 2200 से ज्यादा उड़ानें संचालित करने वाली इंडिगो ने पर्याप्त पायलटों की भर्ती नहीं की। विमानन मंत्रालय ने मंत्रालय के संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव स्तर के अधिकारियों को देश के प्रमुख हवाई अड्डों पर तैनात करने का आदेश दिया है। ये अधिकारी मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद और गोवा जैसे हवाई अड्डों पर जाकर व्यक्तिगत रूप से स्थिति का मूल्यांकन करेंगे और यात्रियों की समस्याओं का समाधान सुनिश्चित करेंगे।

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