Valley of flowers कब और कैसे जाएं ? जानें इससे जुड़ी सारी बातें

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Valley of Flowers
Valley of Flowers

Valley of Flowers

उत्तराखंड के चमोली जिले में Valley of Flowers यानी की फूलों की घाटी स्थित है। यह घाटी 87.50 किमी वर्ग में फैली है। इस घाटी को साल 1982 में यूनेस्को ने राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया था। पर्वतों से घिरी ये घाटी बेहद ही खूबसूरत है। यहां पर आपको 500 से अधिक फूलों की प्रजातियां देखने को मिलती है। प्रकृति प्रेमियों के लिए ये जगह किसी स्वर्ग से कम नहीं है।

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एक किंवदती है कि रामायण काल में हनुमान संजीवनी बूटी की खोज में इसी घाटी में आए थे। इस घाटी की खोज 1931 में फ्रैंक स्मिथ और उनके साथी होल्डसवर्थ ने की थी। आपको बता दें कि फ्रैंक स्मिथ एक ब्रिटिश पर्वतारोही थे। फूलों की घाटी को लेकर स्मिथ ने 1938 में ‘’वैली ऑफ फ्लावर्स’’ नाम की एक किताब भी लिखी थी।

Valley of Flowers जाने का सही समय

यहां हर साल लाखों की तादाद में पर्यटक आते हैं और इस खूबसूरती का लुत्फ उठाते हैं। आपको बता दें कि valley of flowers जाने का सबसे अच्छा समय जुलाई से सितंबर के बीच माना जाता है। ये घाटी हर साल एक जून से खुलती है और अक्टूबर में बंद होती है। इस दौरान आपको इस घाटी में फूलों की अनेक प्रजातियां देखने को मिलेंगी। जो आपका मन खुश कर देगी।

वहीं यदि आप खिले हुए फूलों को देखना चाहते हैं तो आपको इस घाटी में भ्रमण करने के लिए अगस्त महीने में जाना चाहिए। इस दौरान यहां चारों तरफ फूल ही फूल खिले रहते हैं। वहीं इन महीनों में पहाड़ों में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण जाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है इसिलिए आप जब भी जांए संभल कर जांए।

फूलों की घाटी

फूलों की प्रजातियां

जुलाई एवं अगस्त माह के दौरान एल्पाइन जड़ी की छाल की पंखुडियों में रंग छिपे रहते हैं। यहाँ पाये जाने वाले फूलों के पौधों में एनीमोन, जर्मेनियम, मार्श, गेंदा, प्रिभुला, पोटेन्टिला, जिउम, तारक, लिलियम, हिमालयी नीला पोस्त, बछनाग, डेलफिनियम, रानुनकुलस, कोरिडालिस, इन्डुला, सौसुरिया, कम्पानुला, पेडिक्युलरिस, मोरिना, इम्पेटिनस, बिस्टोरटा, लिगुलारिया, अनाफलिस, सैक्सिफागा, लोबिलिया, थर्मोपसिस, ट्रौलियस, एक्युलेगिया, कोडोनोपसिस, डैक्टाइलोरहिज्म, साइप्रिपेडियम, स्ट्राबेरी एवं रोडोडियोड्रान प्रमुख हैं।

फूलों की घाटी
फूलों की घाटी

दूरी

Valley of Flowers तक पहुंचने के लिए जिले का अंतिम बस अड्डा गोविंदघाट 275 कलोमीटर दूर है। जोशीमठ से गोविंदघाट की दूरी 19 किलोमीटर है। यहां से घाटी की दूरी 13 किलोमीटर दूर है जहां से पर्यटक 3 किलोमीटर लंबी व आधा किलोमीटर चौड़ी फूलों की घाटी में घूम सकते हैं।

ज्यादातर लोगों का एक आम सवाल होता है कि दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, कोलकाता, बैंगलोर हरिद्वार आदि जगहों से फूलों की घाटी कैसे पहुंचा जाए।

फूलों की घाटी के लिए आप जौली ग्रांट हवाई अड्डे तक फ्लाइट में आ सकते हैं। यहां से आप कैब टैक्सी किराए पर ले सकते हैं जो आपको गोविंद घाट तक ले जाएगी। यहां से आपको 13 किलोमीटर का ट्रैक करना होगा। फूलों की घाटी देहरादून हवाई अड्डे से 292 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। गोविंद घाट उत्तराखंड राज्य के प्रमुख स्थलों के साथ सड़कों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है आप बस से भी यहां आसानी से जा सकते हैं।

दिल्ली से फूलों की घाटी का रास्ता दिल्ली से आप हरिद्वार वहां से फिर ऋषिकेश, ऋषिकेश से रुद्रप्रयाग और रुद्रप्रयाग से जोशीमठ,जोशीमठ से गोंविदघाट फिर गोविंदघाट घांघरिया ट्रैकिंग और फिर घांघरिया से फूलों की घाटी।

इसके साथ ही आप ऋषिकेश तक ट्रेन में भी आ सकते हो। ऋषिकेश भारत के प्रमुख शहरों के साथ रेलवे नेटवर्ग के द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। इस तरीके से आप फूलों की घाटी पहुंच सकते हैं।

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