हिंदू धर्म में इन कर्मों को करने से मिलता है पुण्य

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Hindu Dharma Shastra
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हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार जो अच्छे कर्म मनुष्य को मोक्ष की तरफ ले जाए उन्हें पुण्य कहा जाता है। और मौक्ष की प्राप्ति के लिए मनुष्य जीवन भर अच्छे कर्म करने की कोशिश करता है। लेकिन ये पता लगाना मुश्किल होता है कि कौन से कर्म करने से हमें पुण्य प्राप्त होता है। ऐसे में आज के इस आर्टीकल में हम आपको उन 5 कर्मों के बारे में बताने वाली हैं। जिन्हें हमारे धर्म शास्त्रों में महापुण्य का दर्जा मिला हुआ है। भगवान शिव ने एक श्लोक के जरिए सबसे बड़े पुण्य और सबसे बड़े पाप को लेकर जानकारी दी है।

शिवपुराण में मिलने वाली एक कहानी के मुताबिक जब एक बार भोलेनाथ हिमालय पर तपस्या कर रहे थे थो तो तभी मां पार्वती ने उनसे पूछा की संसार का सबसे बड़ा पाप क्या है। और कौन से कर्म को करने से पुण्य कमाया जा सकता है। तब भगवान शिव ने कहा कि- नास्ति स्त्यात परो नानृतात पातकं परम अर्थात दूसरों को सम्मान देना और सच बोलना ही सबसे बड़ा पुण्य है।

हर जन्म में किए गए कर्मों के फल हमें अगले जन्म में मिलते हैं। भोलेनाथ ने कहा कि किसी के साथ किया गया छल कपट और बेईमानी सबसे बड़ा पाप है। जो ये बुरे कर्म करता है उसे नर्क में भी कईं यातनाओं का सामना करना पड़ता है। वहीं हमारे धर्मशास्त्र में ऐसे 5 अच्छे कर्मों का उल्लेख मिलता है। जिन्हें महापुण्य का दर्जा प्राप्त है। इनमें सबसे पहले आता है-

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Hindu Dharma Shastra : अन्नदान

अन्नदान करने से ईश्वर अति प्रसन्न होते हैं। लेकिन अन्नदान का मतलब ये नहीं की दूसरों को बासी और खराब भोजन खिलाना ऐसे में आप देवी अन्नपूर्णा को क्रोधित करते हैं। इसिलिए याद रखे कि हमेशा ताजा और साफ खाना ही दान करें।

Hindu Dharma Shastra : भूमि दान

धर्मशास्त्र के अनुसार भूमि के दान में अक्षय पूण्य की प्राप्त होती है। महाभारत में कहा गया है कि जो व्यक्ति किसी परिस्थिति में फंसकर पाप कर बैठता है और गाय की चमड़ी के बराबर भूमि दान करें तो वो सभी पापों से मुक्त हो जाता है। आपने अक्सर सुना होगा कि पहले के राजा महाराजा खूब सारा भूमि दान करते थे ऐसा करने के पीछे कारण ये था कि राजा महाराजा शासन करते समय जो पाप करते थे वो उसके भूमि दान से नष्ट हो जाते थे।
वहीं यदि आप आश्रम विद्यालय भवन धर्मशाला प्याऊ और गौशाला के लिए भूमि दान करते हैं तो ऐसा करने से भी आप महापुण्य प्राप्त कर सकते हैं।

Hindu Dharma Shastra : गोदान

गाय को पांच महापुण्यों की श्रेणी में रखा गया है। जो व्यक्ति गौदान करता है। उसका इस लोक के बाद परलोक में भी कल्याण होता है। उसके पूर्वजों को भी जन्म मरन के चक्र से मुक्ति मिलती है।

कन्यादान

हिंदूधर्म में शादी के दौरान कईं रस्में निभाई जाती हैं इन्हीं रस्मों में एक रस्म है कन्यादान भी है जिसे हमारे शास्त्रों में महादान बताया गया है।

विद्या दान

जिस ज्ञान से मुक्ति का मार्ग प्रस्सत होता है उस ज्ञान को ही विद्या कहा गया है और इस दान को श्रेष्टतम दान कहा गया है। क्योंकि इसी विद्या के कारण हम जनम और मृत्यू के चक्र से निकल पाते हैं। धर्मशास्त्र के अनुसार अन्नदान करने से सिर्फ एक बार पेट भरता है। लेकिन विद्या का दान करने से वो मनुष्य हमेशा हमेशा के लिए अपने पैरों पर खड़ा होता है। इसिलिए विद्या के दान को महापुण्य माना गया है।
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