Gyanvapi Masjid Case : अदालत का ऐतिहासिक फैसला, मुस्लिम पक्ष की आपत्ति खारिज

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Gyanvapi Masjid Case में अदालत ने अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी का प्रार्थना पत्र किया खारिज

Gyanvapi Masjid case और shringar gauri प्रकरण में आज अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि सुनवाई होगी और मुकदमा चलने योग्य है। इसी के साथ अदालत ने मुस्लिम पक्ष कि आपत्ति खारिज कर दी। gyanvapi shringar gauri मामले में 5 हिन्दू महिलाओं कि ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र पर आज अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा की मुकदमा चलाने और सुनने योग्य है। जिला जज डॉ अजय कृष्ण ने मंदिर और मस्जिद पक्ष की दलील सुनने के बाद अपना यह फैसला दिया। आज सुबह से ही अदालत परिसर में गहमागहमी अधिक हो गयी थी और दोपहर होते होते फैसला आगया।

Gyanvapi Masjid Case और Shringar Gauri प्रकरण

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वाराणसी में gyanvapi masjid parisar जो काशी विश्वनाथ धाम परिसर से जुड़ा हुआ है को लेकर दायर मुकदमा नंबर 693/2021 [18/2022] बनाम उत्तर प्रदेश राज्य सरकार मामले में अदालत ने दोपहर सवा 2 बजे फैसला सुनाते हुए निर्णय लिया की उपरोक्त मुकदमा न्यायालय में चलने योग्य है और इसे निर्धारित करते हुए मुस्लिम पक्ष 7/11 के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया। वाराणसी में आज सुबह से ही कचहरी परिसर में भारी फोर्स तैनात थी और करीब 18 थानों की पुलिस फोर्स को संवेदनशील इलाकों में तैनात किया है।

Gyanvapi Masjid Case और Shringar Gauri प्रकरण में social मीडिया पर पैनी निगाह

पुलिस की टीम ही नहीं बल्कि प्रशासनिक स्टार पर भी social media पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। अदालत का अब जबकि फैसला आ चुका है तो प्रशासन चौकन्ना है ताकि किसी भी प्रकार की अफवाह ना फैलाई जाये और किसी पक्ष की भी धार्मिक भावना को चोट पहुंचाने वालों के खिलाफ सख्त कारवाई की जाए। इसके लिए शिकायत मिलने पर तत्काल जांच और विधिक कारवाई की तैयारी जिला पुलिस प्रशासन ने कर ली है।

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Gyanvapi Masjid Case और Shringar Gauri प्रकरण : मूल विवाद 
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जिला अदालत में 1991 में कुछ स्थानीय पुजारियों ने एक याचिका अदालत में दाखिल की थी और इस याचिका में gyanvapi masjid area में पूजा करने की इजाजत मांगी थी। इस याचिका में कहा गया है की 16 वीं सदी में औरंगजेब के आदेश पर काशी विश्वनाथ मंदिर के एक हिस्से को तोड़कर वहां मस्जिद बनवाई गई थी। वहीं दूसरे मुस्लिम पक्ष का कहना है की उस हिस्से में कभी कोई मंदिर नहीं था बल्कि वहां शुरू से मस्जिद थी।

अब दोबारा इस मुद्दे को अदालत में उठाया गया और हाल ही में काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर का सर्वे सरकार द्वारा कराया गया और सामने से मस्जिद अवशेष के नीचे भगवान शिव की मूर्ति पायी गयी थी। इसी की सुनवाई आज हुई है जिसमें अदालत ने माना की हिन्दू पक्ष की इस बात पर सुनवाई होनी चाहिए जहां वो पूजा करने की अनुमति चाहता है।

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