एक्सपायरी सिलेंडर पहुंचा उपभोक्ता के घर; जान से खिलवाड़, गैस एजेंसी पर उठे सवाल

0
304

हल्द्वानी (पंकज अग्रवाल): हल्द्वानी में इंडेन के हजारों उपभोक्ताओं की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है,  जब एक्सपायरी तिथि के 11 महीने बाद का सिलेंडर लालडांठ क्षेत्र के उपभोक्ता के घर पहुंचा तब मामले का खुलासा हुआ मामले में इंडेन गैस एजेंसी के मैनेजर का कहना है कि प्लांट से रोजाना 200 से 300 सिलेंडर गोदाम में पहुंचते हैं, ऐसे में हर सिलेंडर में लिखी जानकारी को देखना संभव नहीं है फिर भी अगर ऐसा है तो मामले की जानकारी मोटाहल्दू स्थित इंडेन प्लांट मैनेजर को दी जाएगी हालांकि उन्होंने कहा कि हो सकता है कि नया पेंट करने के दौरान तिथि लिखने में भूल हो गई हो या लिखा मिट गया हो.

gas

हालांकि कुछ घंटे बाद मैनेजर ने उपभोक्ता के घर से एक्सपायरी सिलेंडर वापस मंगवाकर नया सिलेंडर भिजवा दिया बहरहाल मामला जांच का विषय है अगर एक्सपायरी सिलेंडर जैसी बात है तो यह उपभोक्ताओं की जान को जोखिम में डालने जैसा है क्योंकि नियत तारीख के बाद का सिलेंडर उपयोग करना हादसे का सबब भी बन सकता है.

silender 2

बुधवार सुबह हल्द्वानी गैस एजेंसी के डिलिवरीमैन से लालडांठ क्षेत्र निवासी उपभोक्ता ने गैस सिलेंडर भरवाया सिलेंडर के 1020 रुपए चुकाने के बाद वह सिलेंडर को रसोई में ले आईं इस दौरान जब सिलेंडर पर लिखे नंबर पर नजर पड़ी तो हैरान रह गई उन्होंने बताया कि नया पेंट होने की वजह से देखने में सिलेंडर नया दिख रहा था लेकिन उसमें एक्सपायरी डेट की जगह पर बी 21 लिखा था इस हिसाब से यह सिलेंडर 11 महीने पहले ही मेंटेनेंस की नियत तिथि पार कर चुका है मामले में शिकायत के कुछ घंटे बाद मैनेजर ने नया सिलेंडर उपभोक्ता के घर भिजवा दिया.इंडेन गैस एजेंसी के प्रबंधक रवि मेहरा ने बताया कि हो सकता है कि नया पेंट करने के दौरान चूक हो गई हो। इस वजह से उपभोक्ता के सिलेंडर में 27 की जगह 21 नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता की सुरक्षा सर्वोपरि है। तय तारीख के बाद टेस्टिंग की प्रकिया से गुजरने पर ही सुरक्षित सिलेंडर उपभोक्ता के घर तक पहुंचाया जाता है।

silender

बताते चलें कि वर्तमान में हल्द्वानी में कुमाऊं मंडल विकास निगम के अधीन हल्द्वानी गैस सर्विस के करीब 25 हजार उपभोक्ता, काठगोदाम गैस सर्विस के 15 हजार, और निजी आशीर्वाद गैस एजेंसी के 10 हजार और क्षितिज गैस एजेंसी के 8 हजार उपभोक्ता हैं। ऐसे में सिलेंडर की सुरक्षा में जरा सी चूक हजारों उपभोक्ताओं पर कभी भी भारी पड़ सकती है। अग्निशमन अधिकारियों के मुताबिक, रसोई घर में आग लगने की एक बड़ी वजह एलपीजी सिलेंडर का एक्सपायर हो जाना होता है। हर एक वस्तु की तरह सिलेंडर के मेंटेनेस की अंतिम तारीख भी तय होती है। इस अवधि के गुजरने के बाद सिलेंडर पुराने हो जाते हैं और गैस का दबाव सहन नहीं कर पाते जिसके चलते गर्मी या आग के निकट होने पर उनमें कई बार विस्फोट हो जाता है।

ऐसे में अगर आप की रसोई में भी सिलेंडर मौजूद है तो हम आपको सुरक्षा को लेकर कुछ जरुरी बातें बता रहे हैं।

सिलेंडर में वजन और एक्सपायरी तिथि की जानकारी साफ-साफ लिखी होती है। साल के 12 महीनों के हिसाब से कोड भी लिखा रहता है, जिससे सिलेंडर की एक्सपायरी डेट पता लग सके। अंग्रेजी के चारों अक्षर 3-3 महीने को प्रदर्शित करते हैं। जैसे, जनवरी, फरवरी, और मार्च महीने के लिए A अक्षर का इस्तेमाल होता है। अप्रैल, मई और जून महीने के B अक्षर, जुलाई, अगस्त और सितंबर के लिए C अक्षर और अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर के लिए D अक्षर का प्रयोग किया जाता है। इन अक्षरों के बाद आने वाले अंक साल को दर्शाते हैं। उदाहरण के लिए अगर आपके सिलेंडर के ऊपर B 27 लिखा हो तो इसका मतलब आपके सिलेंडर की एक्सपायरी डेट जून 2027 है। वहीं, अगर C 25 है तो इसका मतलब आपका सिलेंडर सितंबर 2025 तक चल सकता है। उसके बाद उसे बदल देना चाहिए। ऐसा न करने पर उसके विस्फोट होने का खतरा बढ़ जाता है।

एक्सपायरी सिलेंडर पहुंचा उपभोक्ता के घर; जान से खिलवाड़, गैस एजेंसी पर उठे सवाल