/ Oct 15, 2025
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ELEPHANT DNA SURVEY: भारत के जंगलों में हाथियों की संख्या का हाल ही में पहला डीएनए आधारित सर्वेक्षण सामने आया है। ऑल इंडिया सिंक्रोनस एलीफेंट एस्टीमेशन (SAIEE) 2025 रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिकों ने मल के नमूनों का विश्लेषण कर देश भर में हाथियों की सटीक गिनती की। यह सर्वे देश में हाथियों की आबादी का सबसे आधुनिक और वैज्ञानिक आधार प्रदान करता है, जिसमें 21 राज्यों के हाथी निवास क्षेत्रों को शामिल किया गया है। भारतीय वन्यजीव संस्थान की 36वीं वार्षिक अनुसंधान संगोष्ठी के दौरान हाथी आकलन (डीएनए बेस्ड ऑफ इंडिया सिंक्रोनाइज्ड एलिफेंट एस्टीमेशन) 2025 की रिपोर्ट जारी की गई।
रिपोर्ट के अनुसार, देश में जंगली हाथियों की संख्या 22,446 आंकी गई है। कर्नाटक में सबसे अधिक 6,013 हाथी पाए गए, जबकि उत्तर भारत में सबसे अधिक और देश में पांचवें नंबर पर 1,792 हाथी उत्तराखंड में हैं। इससे पहले 2017 में जारी हाथी आकलन रिपोर्ट में कुल आबादी 29,964 अनुमानित की गई थी। पहले केवल ऑब्जर्वेशन के माध्यम से ही अनुमान लगाया जाता था। हाथियों की आबादी का आकलन 2022 और 2023 में किया गया, जबकि नॉर्थ ईस्ट में कार्य 2024 में संपन्न हुआ। रिपोर्ट इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारतीय वन्यजीव संस्थान, आईसीएसएपी ने संयुक्त रूप से जारी की।
ऑल इंडिया सिंक्रोनस एलीफेंट एस्टीमेशन (SAIEE) 2025 सर्वेक्षण के अनुसार, देश की कुल जंगली हाथी आबादी औसतन 22,446 आंकी गई है, जो 2017 के अनुमानित 27,312 से 18 प्रतिशत कम है। यह सर्वेक्षण पर्यावरण मंत्रालय, प्रोजेक्ट एलीफेंट और वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (WII) द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। सर्वेक्षण में डीएनए फिंगरप्रिंटिंग तकनीक का इस्तेमाल किया गया, जिसमें हाथियों के 21,056 गोबर के नमूने एकत्र किए गए। इन नमूनों का जेनेटिक विश्लेषण 11 माइक्रोसैटेलाइट लोकाई पर आधारित था, जिससे प्रत्येक हाथी को इंसानों की तरह अलग पहचाना जा सकता है।
ELEPHANT DNA SURVEY 2021 में शुरू हुआ था, लेकिन जटिल डेटा सत्यापन के कारण रिपोर्ट में चार साल की देरी हुई। कुल आबादी का अनुमान 18,255 से 26,645 के बीच है। सर्वेक्षण 21 राज्यों में फैले हाथी निवास क्षेत्रों में किया गया, जिसमें दक्षिण भारत के पश्चिमी घाट मुख्य केंद्र बने रहे। कर्नाटक में सबसे अधिक 6,013 हाथी पाए गए, उसके बाद असम में 4,159, तमिलनाडु में 3,136 और केरल में 2,785 हाथी दर्ज किए गए। पूर्वोत्तर राज्यों में अरुणाचल प्रदेश में 617, मेघालय में 677, नागालैंड में 252 और त्रिपुरा में 153 हाथी पाए गए। मध्य और पूर्वी भारत में मध्य प्रदेश में 97 और महाराष्ट्र में 63 हाथी हैं।
उत्तर भारत में उत्तराखंड में 1,792 हाथी पाए गए। शिवालिक और गंगा के मैदानी इलाकों (उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और बिहार) में कुल 2,062 हाथी हैं, जो 2017 के 2,085 के आंकड़े के लगभग बराबर हैं। ओडिशा में 912, जबकि छत्तीसगढ़ और झारखंड में संयुक्त रूप से 650 से अधिक हाथी हैं। यह गणना भविष्य में संरक्षण प्रयासों के लिए वैज्ञानिक आधार प्रदान करेगी। हालांकि रिपोर्ट में 2017-2025 के आठ वर्षों में 7,518 हाथियों की मौत का स्पष्ट उल्लेख नहीं है, लेकिन आबादी में गिरावट के पीछे आवास ह्रास, मानव-वन्यजीव संघर्ष और अन्य कारक जिम्मेदार बताए गए हैं। भारत एशियाई हाथियों का 60 प्रतिशत से अधिक हिस्सा रखता है, इसलिए यह कमी वैश्विक स्तर पर चिंता का विषय है।
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