/ Sep 17, 2024
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नई दिल्ली, ब्यूरो। महाराष्ट्र की राजनीति में कई दिनों से मचे भूचाल पर आज विराम लग गया है। शिवसेना के एकनाथ शिंदे पहले से ही इस विरोध के केंद्र रहे लेकिन देवेंद्र फडणवीस को सीएम बनाए जाने की चर्चा आम थी। फिर भी दोनों नेताओं ने एक साथ प्रेस को संबोधित करते हुए बताया कि महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे होंगे। थाड़ी देर में वह सीएम पद की शपथ लेंगे। एकनाथ शिंदे को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में घोषित किए जाने के बाद गोवा के एक होटल में ठहरे शिंदे गुट के विधायकों ने खूब जश्न मनाया। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
https://youtu.be/2XCP_DxSEpM
एकनाथ शिंदे बने महाराष्ट्र के नए मुखिया, AUTO DRIVER से लेकर ऐसे पहुंचे CM की कुर्सी तक
करीब डेढ़ दशक तक शिवसेना कार्यकर्ता के रूप में काम करने के बाद 1997 में शिंदे ने चुनावी राजनीति में कदम रखा। 1997 के ठाणे नगर निगम चुनाव में आनंद दिघे ने शिंदे को पार्षद का टिकट दिया। शिंदे अपने पहले ही चुनाव में जीतने में सफल रहे। 2001 में नगर निगम सदन में विपक्ष के नेता बने। इसके बाद दोबारा साल 2002 में दूसरी बार निगम पार्षद बने। शिंदे का कद साल 2001 के बाद बढ़ना शुरू हुआ। जब उनके राजनीतिक गुरु आनंद दिघे का निधन हो गया। इसके बाद ठाणे की राजनीति में शिंदे की पकड़ मजबूत होने लगी। 2005 में नारायण राणे के पार्टी छोड़ने के बाद शिंदे का कद शिवसेना में बढ़ता ही चला गया। जब राज ठाकरे ने पार्टी छोड़ी तो शिंदे ठाकरे परिवार के करीब आ गए। 2004 के विधानसभा चुनाव में शिवसेना ने शिंदे को ठाणे विधानसभा सीट से टिकट दिया। यहां भी शिंदे को जीत मिली। उन्होंने कांग्रेस के मनोज शिंदे को 37 हजार से अधिक वोट से मात दी। इसके बाद 2009, 2014 और 2019 में शिंदे ठाणे जिले की कोपरी पछपाखडी सीट से जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। देवेंद्र फडणवीस सराकर में शिंदे राज्य के लोक निर्माण मंत्री रहे।
https://youtu.be/XHveEn_XlZg
बता दें कि एकनाथ शिंदे शिव सेना के पुराने कार्यकर्ता थे। उन्होंने 18 साल की उम्र में ही राजनीति में कदम रख दिया था। वह एक आम शिवसेना कार्यकर्ता के रूप में काम करते रहे। उनका जन्म 9 फरवरी 1964 को हुआ था। एकनाथ शिंदे सतारा जिले के रहने वाले हैं। वह पढ़ाई के लिए ठाणे इलाके में आए। 11वीं तक पढ़ाई करने के बाद शिंदे वागले एस्टेट इलाके में ऑटो रिक्शा चलाने लगे। इसी दौरान उनकी मुलाकात शिवसेना नेता आनंद दिघे से हुई और वह शिवसेना के साथ जुड़ गए। अब महाराष्ट्र के मुखिया के तौर पर वह राज-पाठ संभालने जा रहे हैं। उनके समर्थकों में खुशी की लहर है। वहीं, भाजपा भी शिव सेना को कमजोर करने में कामयाब रही है।
नई दिल्ली, ब्यूरो। महाराष्ट्र की राजनीति में कई दिनों से मचे भूचाल पर आज विराम लग गया है। शिवसेना के एकनाथ शिंदे पहले से ही इस विरोध के केंद्र रहे लेकिन देवेंद्र फडणवीस को सीएम बनाए जाने की चर्चा आम थी। फिर भी दोनों नेताओं ने एक साथ प्रेस को संबोधित करते हुए बताया कि महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे होंगे। थाड़ी देर में वह सीएम पद की शपथ लेंगे। एकनाथ शिंदे को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में घोषित किए जाने के बाद गोवा के एक होटल में ठहरे शिंदे गुट के विधायकों ने खूब जश्न मनाया। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
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एकनाथ शिंदे बने महाराष्ट्र के नए मुखिया, AUTO DRIVER से लेकर ऐसे पहुंचे CM की कुर्सी तक
करीब डेढ़ दशक तक शिवसेना कार्यकर्ता के रूप में काम करने के बाद 1997 में शिंदे ने चुनावी राजनीति में कदम रखा। 1997 के ठाणे नगर निगम चुनाव में आनंद दिघे ने शिंदे को पार्षद का टिकट दिया। शिंदे अपने पहले ही चुनाव में जीतने में सफल रहे। 2001 में नगर निगम सदन में विपक्ष के नेता बने। इसके बाद दोबारा साल 2002 में दूसरी बार निगम पार्षद बने। शिंदे का कद साल 2001 के बाद बढ़ना शुरू हुआ। जब उनके राजनीतिक गुरु आनंद दिघे का निधन हो गया। इसके बाद ठाणे की राजनीति में शिंदे की पकड़ मजबूत होने लगी। 2005 में नारायण राणे के पार्टी छोड़ने के बाद शिंदे का कद शिवसेना में बढ़ता ही चला गया। जब राज ठाकरे ने पार्टी छोड़ी तो शिंदे ठाकरे परिवार के करीब आ गए। 2004 के विधानसभा चुनाव में शिवसेना ने शिंदे को ठाणे विधानसभा सीट से टिकट दिया। यहां भी शिंदे को जीत मिली। उन्होंने कांग्रेस के मनोज शिंदे को 37 हजार से अधिक वोट से मात दी। इसके बाद 2009, 2014 और 2019 में शिंदे ठाणे जिले की कोपरी पछपाखडी सीट से जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। देवेंद्र फडणवीस सराकर में शिंदे राज्य के लोक निर्माण मंत्री रहे।
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It is a long established fact that a reader will be distracted by the readable content of a page when looking at its layout. The point of using Lorem Ipsum is that it has a more-or-less normal distribution of letters, as opposed to using ‘Content here, content here’, making it look like readable English. Many desktop publishing packages and web page editors now use Lorem Ipsum as their default model text, and a search for ‘lorem ipsum’ will uncover many web sites still in their infancy.
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