दर्दनाकः आर्मी कैंप पर भूस्खलन का कहर, कई जवान और स्थानीय लोग जिंदा दफन; 20 के शव निकाले

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इस के मलबे से रूका इस नदी का प्रवाह, बन रही बांध जैसी स्थिति, सरकार ने खाली करवाया इलाका

नई दिल्ली, ब्यूरो। आसमान से आफत बनकर फूट रही मानसून की बारिश से जगह-जगह भीषण हादसे हो रहे हैं। मणिपुर, असम से लेकर तमाम राज्यों मानसून की शुरूआत में ही भयावह मंजर देखने को मिल रहा है। ऐसा ही एक दर्दनाक हादसा कल देर रात मणिपुर के तुपुल रेलवे स्टेशन के पास हुआ है। यहां 107 आर्मी टेरिटोरियल आर्मी कैंप पर भूस्खलन का मलबा गिरने से कैंप में मौजूद करीब 50 जवान चपेट में आ गए। इस दर्दनाक मंजर को देख हर कोई स्तब्ध है। करीब 20 जवानों के शव निकाले जा चुके हैं। इस दर्दनाक हादसे के बाद मौके का मुख्यमंत्री मणिपुर बीरेन सिंह ने दौरा भी किया। साथ ही इस संबंध में आपात बैठक भी बुलाई। मौके पर डाॅक्टरों की टीम भेजी गई है। साथ ही घायल जवानों को नोनी आर्मी मेडिकल यूनिट लाया गया है। मणिपुर सरकार ने इलाके के लिए एडवाइजरी जारी में कहा गया है कि मलबे की वजह से इजाई नदी ब्लॉक हो गई है। जिससे एक ही जगह पर जल भराव के कारण बांध जैसी स्थिति बन गई है। अगर यह टूट गया तो निचले इलाकों में और ज्यादा तबाही मच सकती है।

दर्दनाकः आर्मी कैंप पर भूस्खलन का कहर, कई जवान और स्थानीय लोग जिंदा दफन; 20 के शव निकाले

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दर्दनाकः आर्मी कैंप पर भूस्खलन का कहर, कई जवान और स्थानीय लोग जिंदा दफन; 20 के शव निकाले

लैंडस्लाइड के मलबे की वजह से इजाई नदी ब्लॉक हो गई है। इस वजह से निकले इलाकों में तबाही का खतरा और ज्यादा बढ़ गया है। लैंडस्लाइड के मलबे की वजह से इजाई नदी ब्लॉक हो गई है। इस वजह से निकले इलाकों में तबाही का खतरा और ज्यादा बढ़ गया है। असम और मणिपुर समेत पूर्वोत्तर के कई राज्यों में लगातार बारिश से बाढ़ के हालात बने हुए हैं। असम में तो 10 दिनों में अब तक करीब 135 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि लाखों लोग प्रभावित हैं। वहीं, मौसम विभाग के मुताबिक, अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर और सिक्किम में आगे भी बारिश के आसार बने हुए हैं।

वहीं, दिनभर खराब मौसम की वजह से रेस्क्यू मिशन में भी दिक्कत का सामना करना पड़ा। सेना के हेलीकॉप्टर भी मौके पर पहुंच कर दिनभर रेस्क्यू करते रहे। जिला प्रशासन आस-पास के ग्रामीणों को सावधानी बरतने और जल्द से जल्द जगह खाली करने की सलाह दी गई है। मणिपुर सरकार ने एडवाइजरी में कहा गया है कि मलबे की वजह से इजाई नदी ब्लॉक हो गई है। इससे एक ही जगह पर जलभराव के कारण बांध जैसी स्थिति बन गई है। अगर यह टूट गया तो निचले इलाकों में और ज्यादा तबाही मच सकती है।