इस मंदिर में देवराज इन्द्र ने की थी घोर तपस्या, माता ने दिलवाया था खोया राज्य

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स्कंद पुराण के केदार खंड में भी इस मंदिर का उल्लेख, यहां हर श्रद्धालु की होती है मनोकामना पूरी

हरिद्वार (अरुण कश्यप) : हिन्दू नव वर्ष की आज से शुरूआत हो चुकी है। इसके साथ ही आज चैत्र नवरात्र की शुरूआत भी हो चुकी है। मां भगवती के भक्त आज से आने वाले नौ दिनों तक भक्ति में डूबे हैं। वहीं, हरिद्वार में मां भगवती का एक मंदिर ऐसा भी है जहां देवराज इंद्र ने तपस्या की। घोर तपस्या के बाद के बाद माता भगवती सुरेश्वरी देवी ने प्रसन्न होकर उन्हें आशीर्वाद दिया और उनका खोया हुआ राज्य भी उन्हें वापस मिल गया था।

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बता दें कि हरिद्वार शहर से 8 किलोमीटर दूर रानीपुर के घने जंगलों में सुरकुट पर्वत पर बसे माता सुरेश्वरी देवी मन्दिर की पौराणिक महत्ता देश-प्रदेश में प्रसिद्ध है। शिवालिक पहाड़ियों के बीच स्थित इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहां आने वाले हर श्रद्धालु की मनोकामना पूर्ण होती है।

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पवित्र नवरात्रो में यहां दूर दूर से माता के भक्त दर्शन करने आते हैं। मन्दिर पर दस वर्षो से पूजा अर्चना कर रहे पुजारी त्रिलोचन तिवारी ने बताया कि इस मन्दिर का उल्लेख स्कन्द पुराण के केदार खंड में भी है। यहां देवराज इंद्र ने उस समय माता भागवती की तपस्या की थी जब उनका राज पाट छीन गया था। तब उन्होंने गंगा मां के पश्चिम में स्थित इस मंदिर में घोर तपस्या की। जिससे प्रसन्न होकर माता भगवती ने उन्हें आशीर्वाद दिया और उनका खोया राज्य फिर से उन्हें प्राप्त हो गया। बता दें कि यहां पहली बार मेें ही आने वाले श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और इसके बाद श्रद्धालु बार-बार यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं।

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