Uttarakhand Devbhoomi Desk: उत्तराखंड में महंगाई की मार झेल रही जनता पर कुछ दिन पहले एक और बोझ बढ़ गया था। बता दें कि प्रदेश में बस, ऑटो और विक्रम के किराये में 23 फीसदी तक बढ़ोतरी कर दी गई थी। महंगाई के इस दौर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट का भी किराया बढ़ जाने से प्रदेश की जनता को काफी परेशानी हो रही है। ऐसे में यह खबर सामने आई थी कि शहर में दौड़ने वाली सिटी बसों में मनमाना किराया वसूला जा रहा है, बसो में आरक्षित महिला सीट पर पुरुषो के बैठे होने, चालक एवं परिचालक के वर्दी में न होने की शिकायतों पर देहरादून आरटीओ शैलेश तिवारी (Dehradun RTO) ने खुद सवारी बनकर सिटी बस से सफर किया और शहर की यातायात व्यवस्थाओं का जायजा लिया। अपने अनुभव को साझा करते हुए देहरादून आरटीओ शैलेश तिवारी (Dehradun RTO) ने बताया कि ‘आरक्षित महिला सीट पर पुरुष बैठे हुए थे, जबकि महिला यात्री खड़ी थी। चालक एवं परिचालक वर्दी में भी नहीं थे और ना ही बस में टिकट दिया जा रहा था। विक्रमों में क्षमता से ज्यादा सवारी थी तो सिटी बसों में दरवाजों पर लटकती हुई सवारियां नजर आई। किसी के भी कानून का कोई खौफ नहीं।‘
Dehradun RTO: यात्री बनकर बस में चढ़े
राजपुर-क्लेमेनटाउन मार्ग से आ रही सिटी बस में आरटीओ तिवारी (Dehradun RTO) यात्री बनकर चढ़ गए। चूंकि, अभी कुछ दिन पहले ही वह यहां तैनात किए गए, इसलिए ज्यादातर चालक-परिचालक उन्हें पहचानते नहीं। इसी दौरान आरटीओ ने पूरी बस का निरीक्षण किया कर यात्रियों से जानकारी भी ली। निरीक्षण के बाद जब आरटीओ ने अपना परिचय दिया तो चालक-परिचालक के हाथ पैर फूल गए। आनन-फानन में परिचालक ने यात्रियों को टिकट देना शुरू कर दिया।
परेड ग्राउंड पहुंचने पर आरटीओ तिवारी (Dehradun RTO) ने बस का चालान किया। ऐसे ही उन्होने तकरीबन 683 चालान किया और परिचालाको को चेतावनी भी दी। शैलेश तिवारी ने आगे बताया कि शहर में यातायात नियमों का उल्लंघन कर रहे लोगों को सबक सिखाने के लिए 2 दिवसीय अभियान चलाया गया। इसका मुख्य उद्देश्य यातायात नियमों के प्रति लोगों को जागरूक करना था। उनके अनुसार उनका यह दो दिवसीय अभियान काफी सफल रहा।
For latest news of Uttarakhand subscribe devbhominews.com