Chhath Puja 2022
कल यानी शुक्रवार से नहाय-खाय के साथ छठ पूजा का पर्व शुरू होगा और 31 अक्टूबर को इसका समापन हो रहा है। इस दिन षष्ठी मैया और सूर्यदेव की पूजा की जाती है। इसके साथ ही इस दिन शिव की भी पूजा की जाती है। छठ पूजा को सबसे ज्यादा बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश और झारखंड में मनाया जाता है। आपको बता दें कि ये पर्व संतान के लिए रखा जाता है और इस दिन 36 घंटे का निर्जला व्रत रखा जाता है।
इतने दिन रखा जाता है व्रत
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Chhath Puja 2022 : पहला दिन नहाय-खाय
नहाय खाय से छठ पूजा की शुरुआत होती है। और नहाय-खाय 28 अक्टूबर को है। इस दिन व्रत करने से पहले एक ही बार खाना होता है और उसके बाद गंगा में स्नान करना होता है।
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Chhath Puja 2022 : दूसरा दिन खरना
खरना दूसरा दिन- खरना छठ के दूसरे दिन होता है। जोकि 29 अक्टूबर को है। इसमें सूर्योदय से लेकर और सूर्यास्त तक महिलाओं का व्रत होता है। सूर्यास्त के तुरंत बाद ही व्रत को तोड़ा जाता है और फिर भोजन किया जाता है और उसके बाद भोग सूर्य को अर्पित किया जाता है।
वहीं तीसरे दिन शाम के समय सूर्य भगवान को अर्घ्य देने की परंपरा है और बांस की टोकरी में फलों, चावल के लड्डू आदि से सूप को सजाया जाता है। इसके बाद व्रती परिवार के संग सूर्यदेव को अर्घ्य देते है और डूबते हुए सूर्य की आराधना की जाती है।
चौधे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ दिया जाता है इसे उषा अर्घ्य भी कहते हैं। 31 अक्टूबर को छठ का आखिरी दिन होगा। इस दिन 36 घंटे के व्रत के बाद अर्घ्य दिया जाता है।
कहा जाता है यह पर्व मैथिल,मगध और भोजपुरी लोगो का सबसे बड़ा पर्व है ये उनकी संस्कृति है। छठ पर्व बिहार मे बड़े धूम धाम से मनाया जाता है। ये एक मात्र ही बिहार या पूरे भारत का ऐसा पर्व है जो वैदिक काल से चला आ रहा है और ये बिहार कि संस्कृति बन चुका हैं। यहा पर्व बिहार कि वैदिक आर्य संस्कृति कि एक छोटी सी झलक दिखाता हैं। ये पर्व मुख्यः रुप से ॠषियो द्वारा लिखी गई ऋग्वेद मे सूर्य पूजन, उषा पूजन और आर्य परंपरा के अनुसार बिहार मे यह पर्व मनाया जाता हैं।
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