UTTARAKHAND DEVBHOOMI DESK:उत्तराखंड में चलने वाली CHARDHAM YATRA 2023 अब अपने आखिरी पड़ाव में हैं। चार धामों के साथ पंचकेदार मंदिरों के भी कपाट अब बंद होने वाले हैं। इनमें तुंगनाथ रुद्रनाथ मध्यमहेश्वर और कल्पेश्वर महादेव मंदिर शामिल है। शीतकाल में अब बर्फबारी शुरू होने लग गई है इसलिए धीरे धीरे मंदिरों के कपाट बंद होने लगे हैं।
CHARDHAM YATRA 2023:गंगोत्री- यमुनोत्री के सबसे पहले कपाट बंद
CHARDHAM YATRA 2023 में सबसे पहले गंगोत्री धाम के कपाट 14 नवंबर मंगलवार के दिन गंगोत्री धाम के कपाट बंद हो जाएंगे। इसके बाद अगले दिन यानि 15 नवंबर बुधवार को यमुनोत्री धाम के कपाट, भाई दूज के पावन पर्व पर 11 बजकर 57 मिनट पर बंद आकर दिए जाएंगे। मंदिर के कपाट अभिजीत मुहूर्त (मकर लग्न) में विशेष पूजा अर्चना के बाद शीतकाल में 6 महीने के लिए बंद हो जाएंगे।
बद्रीनाथ
बद्रीनाथ धाम के कपाट 18 नवंबर को पूरे विधि विधान और पूजा अर्चना के साथ बंद हो जाएंगे। इस दिन मंत्रोच्चारण के साथ दोपहर को 03:33 मिनट पर बद्रीनाथ के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। इसके बाद से बद्री विशाल जी शीतकालीन प्रवास के लिए जोशीमठ स्थित नृसिंह मंदिर को लिए रवाना हो जाएंगे।
केदारनाथ
केदारनाथ धाम के कपाट 15 नवंबर को (भैयादूज पर्व) वृश्चिक लग्न में सुबह 8:30 बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इसके बाद भगवान केदारनाथ अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में अगले 6 महीने के लिए भक्तों को दर्शन देंगे।
तुंगनाथ
CHARDHAM YATRA 2023 में श्रद्धालुओं की रिकार्ड संख्या दर्ज करने के बाद तृतीय केदार बाबा तुंगनाथ धाम के कपाट एक नवंबर को धनु लग्न में सुबह 11 बजे बंद किए जाएंगे। इसके बाद बाबा तुंगनाथ की उत्सव डोली रात्रि प्रवास के लिए चोपता, दो नवंबर को बनियाकुंड, दुगलबिट्टा, मक्कूबैंड व बनातोली होते हुए भनकुंड और तीन नवंबर को अपनी शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ पहुंचेगी। ये कार्यक्रम बीते मंगलवार को विजयदशमी के पर्व पर शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ में तय हुआ।
तुंगनाथ पहुंचे रिकार्ड श्रद्धालु, 1 लाख से ज्यादा लोगों ने किये दर्शन
मध्यमहेश्वर
द्वितीय केदार मध्यमहेश्वर धाम के कपाट 22 नवंबर को वृश्चिक लग्न में सुबह आठ बजे बंद किए जाएंगे। 22 नवंबर को बाबा मध्यमेश्वर की उत्सव डोली कूनचट्टी, मैखंभा, नानौ, खटारा व बनातोली होते हुए रात्रि प्रवास के लिए गौंडार, 23 नवंबर को राकेश्वरी मंदिर रांसी, 24 नवंबर को उनियाणा, राऊलैंक व मनसूना होते हुए गिरीया गांव और 25 नवंबर को ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचेगी।