बरसाती नाले में आया उफान, खेत-खलिहान तोड़ते हुए घरों में घुसे बडे-बड़े बोल्डर और मलबा

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रुद्रप्रयाग/देहरादून, ब्यूरो। उत्तराखंड के पहाड़ी जनपदों में लगातार मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त है। कई जगह बारिश के बाद बरसाती नाले उफान पर हैं। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद के अगस्त मुनि ब्लाॅक में भारी बारिश के बाद बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो रहे हैं। बारिश के बाद उफान पर बह रहे बरसाती नाले भी अपने साथ मिट्टी, मलबा और बड़े-बड़े बोल्डर पत्थर लेकर खेत खलियान को तोड़ते हुए लोगों के घरों तक घुस रहे हैं। जिस आंगन में बैठकर लोग सुरक्षित महसूस करते हैं, वहां तक बड़े-बड़े पत्थर, मलबा और मिट्टी के साथ पेड़ भी बहकर आ रहे हैं।

बता दें कि दो-तीन दिन से उत्तराखंड के मैदानी इलाकों में बारिश इतना कहर नहीं भर पा रही है, लेकिन पहाड़ी इलाकों का हाल अभी भी बद से बदतर होता जा रहा है। रुद्रप्रयाग जिले के अगस्तमुनि के छिनका गांव के हड़खोला तोक में देर रात हुई बारिश के बाद बरसाती नाले उफान पर बहने लगे। बरसाती नाले बड़े-बड़े पत्थर और मलबा लेकर लोगों खेत-खलिहानों को तोड़ते हुए कई गौशालाओं और घरों को भारी नुकसान पहुंचाया है। हड़खोला तोक निवासी विजय लाल की गौशाला में पानी घुस गया है। देर रात वहां मौजूद परिवार वालों ने किसी तरह किसी तरह भाग कर अपनी जान बचाई।

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वहीं, दूसरी ओर इसी गांव के राहुल लाल, विजय, जीतपाल सिंह राणा, जगदीश सिंह नेगी, राजेंद्र नेगी, नरेंद्र सिंह नेगी की गौशाला भी मलबे से पट गई है। कई मवेशी मलबे में दबे हुए बताए जा रहे हैं। गांव के ही विष्णु सती, रविंद्र सती, प्रकाश सती और शिव प्रसाद सती के हरे भरे खेत मलबे और मिट्टी से पट गए हैं। खेतों का काफी हिस्सा बरसाती नाले की चपेट में आने के कारण बह चुका है। पहाड़ी इलाकों में ऐसे हालात में लोग डर-डर कर रातें काट रहे हैं। कई बार दिन में भी बाढ़ जैसे हालात पैदा हो रहे हैं। गांव के प्रधान देवेंद्र नेगी ने जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग से मौका मुआयना कर नुकसान का उचित मुआवजा जारी करने की मांग की है। ग्राम प्रधान से मिली सूचना के बाद जिला आपदा प्रबंधन की टीम नुकसान का जायजा लेने पहुंची है। गांव के कई घरों में बड़े-बड़े पत्थर और बोल्डर घुस आए हैं, जिससे डर-सहम कर जीवन जीने को मजबूर हैं।