Ban On PFI
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को केंद्र सरकार ने गैरकानूनी संस्था घोषित कर दिया है। आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने अगले पांच सालों की अवधि तक पीएफआई पर बैन लगा दिया है। केंद्र सरकार की ओर से लगाए गए इस प्रतिबंध में संस्था के सभी सहयोगियों और तमाम मोर्चों को गैरकानूनी घोषित किया गया है।
वहीं सरकार ने इसके अलावा कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI) , रिहैब इंडिया फाउंडेशन, ऑल इंडिया इमाम काउंसि(AICC) नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गेनाइजेशन,रिहैब फांउडेशन केरल नेशनल विमेंश फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन पर भी प्रतिबंध लगाया है।
केंद्रीय गृह मंत्री की तरफ से जारी गजट नोटिफिकेश में कहा गया है कि सरकार ने पीएफआई की विध्वंशक गतिविधियों को देखते हुए देशहित में विधिविरुद्ध गतिविधियां अधिनियम, 1967 यानी यूएपीए के सेक्शन 3 के सबसेक्शन 1 तहत प्राप्त शक्तियो का इस्तेमाल किया है।
Ban On PFI
Central Government declares PFI (Popular Front of India) and its associates or affiliates or fronts as an unlawful association with immediate effect, for a period of five years. pic.twitter.com/ZVuDcBw8EL
— ANI (@ANI) September 28, 2022
Ban On PFI : PFI क्या है
पीएफआई का गठन 17 फरवरी 2007 को हुआ था। ये संगठन दक्षिण भारत के तीन मुस्लिम संगठनों का विलय करके बना था। इसमें केरल का नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट, कर्नाटक फोरस फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु का मनिथा नीति पसराई शामिल थे। पीएफआई का दावा है कि इस वक्त देश के 23 राज्यों में यह संगठन सक्रिय है। देश में स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट यानी सिमी पर बैन लगने के बाद पीएफआई का विस्तार तेजी से हुआ है। कर्नाटक,केरल जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों में इस संगठन की काफी पकड़ बताई जाती है। इसकी कई शाखाएं भी हैं। गठन के बाद ही पीएफआई पर समाज विरोधी और देश विरोधी गतिविधियां करने के आरोप लगते रहते हैं।
PFI को लेकर पूरे देश में छापेमारी चल रही थी। छापेमारी के दौरान कईं गिरफ्तारियां भी हुई थी, अब गृह मंत्रालय ने बड़ा फैसला लेते हुए इसे पांच साल तक के लिए बैन कर दिया है। एक दिन पहले पीएफआई पर बड़ी कार्रवाई हुई थी। एजेंसी ने 9 राज्यों में हुई कार्रवाई में कम से कम 247 लोगों को गिरफ्तार किया था।
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