Uttarakhand Devbhoomi Desk: स्कूली बच्चों को सरकार ने बड़ा तोफहा देने का फैसला लिया है। बता दें कि उत्तराखंड राज्य के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य में संचालित सभी शिक्षा बोर्ड (bag free day in school) के साथ विचार-विमार्श कर कोई ऐसा तरीका निकाला जाएगा, जिससे बच्चों के बस्ते का बोझ कम किया जा सके। स्कूली बच्चों का तनाव कम करने के उद्देश्य से माह में एक दिन बैग फ्री डे निर्धारित किया जाये जहां उनसे अन्य गतिविधियां कराई जायेंगी।
bag free day in school: बस्तों का बोझ बच्चों के वजन से भी ज्यादा- धन सिंह रावत
बुधवार को देहरादून में एससीईआरटी की ओर से आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन (bag free day in school) किया गया। इसमें शिक्षा मंत्री डॉ. रावत ने बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। इस दौरान उन्होने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में स्कूली बच्चों के बस्तों का बोझ उनके वजन से भी ज्यादा बढ़ गया है। इसलिए उनके विकास के लिए इसको कम करना आवश्यक हो गया है। इसी कड़ी में शिक्षा मंत्री ने आगे कहा कि राज्य में संचालित सभी शिक्षा बोर्डों के अधिकारियों एवं शिक्षाविदों के साथ विचार-विमर्श कर कोई नया तरीका निकालना होगा।
शिक्षा मंत्री ने आगे कहा कि बच्चे कई बार लगातार पढ़ाई से ऊब जाते हैं, जिससे वह तनाव (bag free day in school) में आ जाते हैं। उनकी इस समस्या को दूर करने के लिए माह में एक दिन बैग फ्री डे निर्धारित किया जाए जिससे उस दिन बच्चों से केवल कौशल विकास से संबंधी गतिविधियां कराई जा सके। इस दौरान कार्यशाला में विधायक लैंसडाउन दीलीप रावत, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी, निदेशक माध्यमिक शिक्षा एवं सीमेट सीमा जौनसारी, निदेशक प्राथमिक शिक्षा वंदना गर्ब्याल, अपर निदेशक राम कृष्ण उनियाल, आदि मौजूद थे।
इसके अलावा शिक्षा मंत्री डॉ. रावत ने ये भी कहा कि भविष्य में स्कूली बच्चों को जुलूस-प्रदर्शनों एवं विभाग से इतर अन्य गतिविधियों में शामिल नहीं किया जाए। इसके साथ ही प्रदेश के स्कूलों में 220 दिन अनिवार्य रूप से पढ़ाया जाये।
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