/ Nov 26, 2024

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बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी, तोड़फोड़ के लिए दिशानिर्देश का पालन जरूरी

BULLDOZER ACTION UPDATE: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बुलडोजर एक्शन से संबंधित एक अहम फैसला सुनाया, जिसमें अदालत ने अधिकारियों को यह स्पष्ट किया कि वे न्यायधीश की भूमिका में नहीं हो सकते और न ही यह तय कर सकते हैं कि कौन दोषी है। कोर्ट ने यह भी कहा कि किसी भी परिस्थिति में ताकत का गलत इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है और यह सुनिश्चित करना प्रशासन की जिम्मेदारी है कि कानून का पालन सही तरीके से किया जाए। इस फैसले में अदालत ने प्रशासन को 15 गाइडलाइंस भी दी हैं, जिनका पालन करने के बाद ही तोड़फोड़ की जा सकेगी।

BULLDOZER ACTION UPDATE
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BULLDOZER ACTION UPDATE: सुप्रीम कोर्ट ने दिये ये दिशानिर्देश 

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि किसी संपत्ति का विध्वंस तब तक नहीं किया जा सकता जब तक उसके मालिक को 15 दिन पहले नोटिस न दिया जाए। नोटिस पंजीकृत डाक और निर्माण की बाहरी दीवार पर चिपकाकर भेजा जाएगा, जिसमें अवैध निर्माण, उल्लंघन का विवरण और विध्वंस के कारण बताए जाएंगे। विध्वंस प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी की जाएगी। इन निर्देशों का उल्लंघन कोर्ट की अवमानना माना जाएगा। कोर्ट ने कहा कि घर किसी नागरिक की कड़ी मेहनत और सपनों का परिणाम होता है, इसलिए विध्वंस को अंतिम विकल्प के रूप में ही अपनाना चाहिए।

BULLDOZER ACTION UPDATE
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1 अक्टूबर को इस मामले की सुनवाई की गई थी

यह फैसला जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच द्वारा सुनाया गया, जिन्होंने 1 अक्टूबर को इस मामले की सुनवाई की थी और फैसले को सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने इस फैसले के माध्यम से यह संदेश दिया कि प्रशासन को अपनी शक्तियों का प्रयोग सावधानीपूर्वक और कानून के तहत करना चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी भी नागरिक के साथ अन्याय न हो और वे बिना किसी डर के अपने अधिकारों का इस्तेमाल कर सकें।

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