रुद्रप्रयाग: रांसी-मनणी-केदारनाथ ट्रेकिंग रूट (Madmaheshwar Trek) पर 20 दिन से ज्यादा समय तक ट्रेकर का शव बर्फ में दबा हुआ था। मृत पड़े बंगाल के ट्रेकर का शव को जिला आपदा प्रबंधन विभाग ने वायुसेना की मदद से निकाल लिया है। जिलाधिकारी ने बताया कि शव लेने के लिए पिछले 4 दिन में 2 बार हेलीकॉप्टर को ट्रेकर के शव लेने के लिए क्षेत्र में भेजा भी गया था, लेकिन बर्फ अधिक होने के कारण हेलीकॉप्टर लैंड नहीं हो पा रहा था।
Madmaheshwar Trek: ट्रेकर की 9 अक्टूबर को हो गई थी मौत
बीते 2 अक्टूबर को रांसी गांव से दस सदस्यीय ट्रेकिंग दल रांसी-मनणी-केदारनाथ रूट (Madmaheshwar Trek) पर ट्रैकिंग के लिए निकला था। दल में शामिल पश्चिम बंगाल निवासी आलोक विश्वास और विक्रम मजूमदार थकान के कारण मनणी के समीप महापंथ से आगे नहीं जा सके और वहीं रुक गए। दल में शामिल अन्य आठ लोग उसी रात केदारनाथ पहुंच गए थे।
8 अक्टूबर की सुबह जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय को सूचना मिली कि रांसी-मनणी-केदारनाथ रूट पर दो ट्रैकर फंसे हैं जिसमें से एक की तबीयत खराब है। खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर नही पहुँच पाया जिस के बाद केदारनाथ धाम से 6 KM की दूरी पर बंगाल के ट्रेकर आलोक विश्वास पुत्र बबूल विश्वास, सगुना बंगाल की गत 9 अक्टूबर को मौत हो गई थी। आज ट्रेकर के शव को जिला आपदा प्रबंधन विभाग ने वायुसेना की मदद से निकाल लिया है। जबकि 4 पोर्टर की संयुक्त टीम ने इस घटना में गत 10 अक्टूबर को घायल ट्रेकर विक्रम मजूमदार को केदारनाथ लाने में सफल रही।
Madmaheshwar Trek: वहीं ट्रैक पर पड़ा रहा शव
आप को बता दे कि इस क्षेत्र में लगातार बर्फबारी हो रही थी, जबकि जिस स्थान पर शव था वह रास्ता काफी खतरनाक था। जिस के कारण शव को पैदल नही लया जा सका ऐसे में हेली से ही शव को लाया जाना था। हेली की अनुमति के लिए जिला आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा वायुसेना से संपर्क किया जा रहा था। लेकिन हेली उपलब्ध न होने से शव वहीं ट्रैक पर ही पड़ा रहा।
आखिरकार आज बुधवार सुबह वायु सेना के चीता हेलीकॉप्टर के सहयोग से जिला आपदा प्रबंधन विभाग की टीम ने शव को निकालने में सफलता हासिल की।
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