Valley of flowers
यदि आप भी फूलों की घाटी जाने का प्लान कर रहे हैं तो थोड़ा सावधान हो जाएं। आपको बता दें कि अगले तीन दिनों तक फूलों की घाटी पर्यटकों की आवाजाही के लिए बंद रहेगी। मौसम विभाग द्वारा भारी बारिश के अलर्ट को देखते हुए ये निर्णय लिया गया है।
फूलों की घाटी किसी जन्नत से कम नहीं है।
Valley of flowers
चमोली जिले में बसी विश्व धरोहर फूलों की घाटी का दीदार करने लोग दूर-दूर से आते हैं, इसकी खूबसूरती देखते ही बनती है। घाटी में कई विशेष तरह की प्रजातियां हैं, आप यहां दुर्लभ और विदेशी हिमालयी वनस्पतियों का दीदार कर सकते हैं। घाटी में 300 से भी ज्यादा फूलों की प्रजातियां हैं, जो इसे अपने-आप में बेहद खास बनाता है। फूलों की घाटी में आप उत्तराखंड का राज्य फूल यानी ब्रहृम कमल का भी दीदार कर सकते हैं। घाटी में जाते वक्त रास्ते में आप कई पुल, ग्लेशियर और झरने की खूबसूरती का भी आंनद ले सकते हैं।
इस घाटी का पौराणिक इतिहास भी काफी रोचक है, आपको रामायण और महाभारत में भी फूलों की घाटी का उल्लेख मिल जाएगा। मान्यता है कि फूलों की घाटी से ही हनुमान जी भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण की जान बचाने के लिए संजीवनी बूटी लाए थे।
हालांकि एक ब्रिटिश पर्वतारोही फ्रैंक एस स्मिथ ने फूलों की घाटी की खोज की थी। कहा जाता है कि 1931 में स्मिथ कामेट पर्वत आरोहण के दौरान रास्ता भटक गए थे, तब वो गलती से इस क्षेत्र से गुजरे। और यहां से वापस अपने देश लौटने पर उन्होने ‘वैली ऑफ फ्लावर’ पुस्तक लिखी, जिसमें उन्होने फूलों की घाटी के अपने अनुभवों का जिक्र किया। और इसी के बाद पूरी दुनिया ने प्रकृति के इस अनोखे तोहफे को जाना।
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