बिना लाइसेंस केदारनाथ यात्रा पर आए 62 घोड़े-खच्चर संचालकों का काटा चालान

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जिला पंचायत ने की घोड़े-खच्चर संचालकों के खिलाफ कार्यवाह, 31000 रुपए का अर्थदंड वसूला

  • केदारनाथ पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चरों का सही ढंग से नहीं हो रहा संचालन
  • बिना लाईसेंस के घोडे़ खच्चरों का संचालन कर रहे हाॅकर

रुद्रप्रयाग, ब्यूरो। केदारनाथ यात्रा मार्ग में घोड़ा-खच्चरों के संचालन से जाम और अव्यवस्था फैल रही है। हर दिन घोड़ा-खच्चर संचालकों की शिकायतें मिल रही हैं। ये संचालक यात्रियों से बदतमीजी से बात और उन्हें सही ढंग से केदारनाथ ले जाना और लाने में काफी दिक्कतें कर रहे हैं। एक हाॅकर पांच से आठ घोड़ों का संचालन एक साथ कर रहा है। ऐसे में डीएम मयूर दीक्षित ने कड़ा रूख अपनाते हुए इन संचालकों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की है।

बता दें कि केदारनाथ धाम में आये दिन घोड़े-खच्चर संचालकों की मनमानी की शिकायतें मिल रही हैं। इनक अव्यवस्थाओं के चलते यात्रा मार्ग जाम लगना आम बात हो गई है। यहां तक ये संचालक तीर्थयात्रियों से भी बदसलूखी से पेश आ रहे हैं। जिसे देखते हुए जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने यात्रा मार्ग में घोड़े-खच्चरों का संचालन ठीक तरह से करवाने के साथ ही बिना लाईसेंस के घोड़ा-खच्चरों एवं हाॅकरों के विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही करते हुए चालान करने के निर्देश अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत को दिए।

khacchar

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के निर्देश पर जिला पंचायत की ओर से यात्रा मार्ग में बिना लाईसेंस के संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों व हाॅकरों पर आवश्यक कार्यवाही करते हुए चालान की कार्यवाही की गई है। अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत राजेश कुमार ने बताया कि गौरीकुंड से केदारनाथ यात्रा मार्ग में तैनात सेक्टर एवं सहायक मजिस्ट्रेटों तथा जिला पंचायत के कार्मिकों ने संयुक्त चैकिंग अभियान चलाया। टीम ने अभी तक 62 घोड़े-खच्चर संचालकों का चालान करते हुए 31 हजार रुपए का अर्थदंड वसूला है। उन्होंने बताया कि इनमें अधिकतर चालान बिना लाईसेंस के हाॅकरों का चालान किया गया। उन्होंने कहा कि यात्रा मार्ग में तीर्थ यात्रियों को घोड़े-खच्चरों के कारण कोई परेशानी न हो, इसके लिए निरंतर चैकिंग अभियान चलाया जायेगा। साथ ही बिना लाईसेंस के संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों एवं हाॅकरों के विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही करते हुए चालान की कार्यवाही की जाएगी।

बिना लाइसेंस केदारनाथ यात्रा पर आए 62 घोड़े-खच्चर संचालकों का काटा चालान