नाटो ने रूस को दी चेतावनी, युद्ध पर लगाए विराम वरना भुगतना होगा अंजाम!

0
192

उत्तर अटलांटिक संधि संगठन के पास 100 से ज्यादा जेट और 120 से अधिक जंगी जहाजों का बेड़ा

नई दिल्ली, ब्यूरो। रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के दौरान उत्तर अटलांटिक संधि संगठन यानी नाटो ने रूस को चेतावनी भरे लहजे में संदेश जारी किया है कि वह यूक्रेन से अपनी सेना को तुरंत हटा दे। इसके साथ ही हवाई समेत किसी भी तरह के हमले करने वजाय शांतिपूर्ण तरीके से मामले को सुलझाए। उसको अंतर्राष्ट्रीय मानवीय नियमों का पालन करना चाहिए। उसकी नियत दुनिया देख रही है। रसिया छोटे से देश यूक्रेन पर अपनी ताकत का इस्तेमाल कर रहा है। नाटो के महासचिव जेंस स्टोल्टेनबर्ग ने यूक्रेन पर रसिया की कार्रवाई को अनुचित और अकारण बताया।

ukren hamla 1

आपको बता दें कि आज नाटो की एक साधारण बैठक के बाद बेल्जियम में स्थित मुख्यालय में मीडिया से महासचिव जेंस स्टोल्टेनबग ने कहा कि हमारे पास अपने हवाई क्षेत्र की सुरक्षा के लिए 100 ज्यादा जेट और उत्तर से भूमध्य सागर तक समुद्र में 120 से अधिक जंगी जहाजों का बेड़ा है। हम अपने साथ देश को हमले से बचाने के लिए जो भी जरूरी होगा वह करेंगे। उन्होंने कहा कि हम रसिया से यूक्रेन पर तत्काल सैन्य हमले की कार्रवाई रोकने के साथ ही सभी सैनिक बलों को तुरंत वापस बुलाने के लिए कह रहे हैं। नाटो के महासचिव ने रूस से अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करने की नसीहत दी।

image 4

सभी जरूरतमंद लोगों को सुरक्षित रखने और उन्हें जरूरी सहायता देने के भी निर्देश दिए हैं। दूसरी ओर रसिया किसी भी देश और नाटो संगठन की एक नहीं सुन रहा है। अब देखना होगा कि आने वाले कुछ दिनों में रूस और यूक्रेन का युद्ध समाप्त होता है या नहीं। आपको बता दें कि यूक्रेन ने पहले भारत का साथ देने की बजाय उसे हथियार सप्लाई किए थे।

YOU MAY ALSO LIKE

वहीं, दूसरी ओर इंडिया इस मामले में तटस्थ दिखाई दे रहा है। रूस भारत का मित्र देश पहले से ही रहा है और अब भी रूस भारत का वक्त-बेवक्त साथ देता है। भारत की चिंता यही है कि वहां फंसे 20 हजार से अधिक काम करने वाले और छात्रों को कैसे वापस अपने वतन लाया जाय। मेडिकल और इंजीनीयरिंग की पढ़ाई के लिए हजारों छात्र इसलिए दाखिला लेते आए हैं क्योंकि यहां पढ़ाई अन्य देशों की बजाय सस्ती और गुणवत्तायुक्त बताई जाती है। अब देखना होगा कि यह अंतर्राष्ट्रीय तनाव और इन दोनों देशों के बीच का युद्ध कब समाप्त होगा।