UTTARAKHAND DEVBHOOMI DESK: उत्तरकाशी में ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा से डंडालगांव के बीच बन रही सुरंग में रविवार की सुबह Uttarkashi Tunnel Collapse हादसे में तकरीबन 40 मजदूर अभी भी फंसे हैं। फिलहाल मजदूरों को बचाने के लिए बचाव दल लगे हुए हैं।
अब ऑगर ड्रिलिंग मशीन मंगाई गई है, इस मशीन द्वारा मलबे में 900 मिमी स्टील पाइप लगाई जाएगी। इन 900 मीटर के पाइप के जरिए सुरंग में फंसे हुए मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जाएगा। इस अभियान में 24 घंटे का समय लग सकता है।
पाइपलाइन से भेजा जा रहा है खाना
सचिव आपदा प्रबंधन रंजीत कुमार सिन्हा के अनुसार फंसे हुए मजदूरों को बाहर निकालने में बुधवार की रात तक का समय लग सकता है। फिलहाल बचाव दल लगातार मलबा हटा रहा है। इसके बाद मलबे के ढेर में सुरंग तैयार करके पाइप डाला जाएगा। इसके जरिए मजदूरों को निकाला जाएगा। रंजीत कुमार सिन्हा ने भूस्खलन का जायजा लेने के बाद बताया कि सुरंग के अंदर सभी मजदूर सुरक्षित हैं जिन्हें पाइपलाइन के जरिए खाना, पानी और ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है।
रविवार को हुआ Uttarkashi Tunnel Collapse हादसा
बता दें कि रविवार सुबह करीब आठ बजे यमुनोत्री हाईवे पर बन रही एक सुरंग में 12 घंटे की शिफ्ट खत्म कर मजदूर दीपावली की छुट्टी मनाने के लिए जाने ही वाले थे लेकिन ढाई घंटे पहले ही 5:30 बजे सुरंग के सिलक्यारा वाले मुहाने से करीब 250 मीटर आगे 35 मीटर हिस्से में भूस्खलन हो गया। बताया जा रहा है कि सुरंग में उस वक्त 45 मजदूर थे। मलबा गिरता देख पांच मजदूर तो बाहर भाग गए लेकिन 40 सुरंग में ही फंस गए।
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52 घंटे से रेस्क्यू जारी
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिस स्थान पर मजदूर फंसे हैं वहां पर करीब पांच से छह दिन के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन है। इसके अलावा पाइपलाइन से भी ऑक्सीजन भेजी जा रही है। बचावकर्मियों के अनुसार फंसे हुए 40 मजूदरों के पास तक पहुंचने के लिए टीमों को अभी भी लगभग 35 मीटर से अधिक मलबा साफ करना पद सकता है। रेस्क्यू ऑपरेशन को चलते हुए करीब 52 घंटे से अधिक का समय हो गया है।