Uttarakhand Devbhoomi Desk: नैनीताल हाईकोर्ट ने विधानसभा सचिवालय (Uttarakhand Vidhansabha Recruitment Scam) से हटाये गये कर्मचारियों की बर्खास्तगी को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। बता दें कि हाईकोर्ट में 250 कर्मचारियों को एकलपीठ द्वारा बहाल किए जाने के आदेश को चुनौती देते हुए गुरूवार को सुनवाई की गई। इसके बाद मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे ने एकलपीठ के आदेश को निरस्त करते हुए विधान सभा सचिवालय के आदेश को हाईकोर्ट ने सही ठहराया।
बता दें कि, उत्तराखंड विधानसभा में विधानसभा अध्यक्षों द्वारा नियुक्त कर्मचारियों को सेवा से निकाले जाने के सरकार के निर्णय पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी।
Uttarakhand Vidhansabha Recruitment Scam: एकलपीठ द्वारा बर्खास्तगी आदेश पर लगी थी रोक
उत्तराखंड विधानसभा भर्ती घोटाले मामले में विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल (Uttarakhand Vidhansabha Recruitment Scam) को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया था। वहीं विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी भूषण ने 228 कर्मचारियों को बर्खास्त किया था। ऐसे में बीते अक्टूबर के महीने में हाईकोर्ट ने 228 कर्मचारियों की 27, 28 व 29 सितंबर को जारी बर्खास्तगी के आदेश पर रोक लगा दी थी। इसके बाद इसके विरुद्ध 55 से अधिक कर्मचारियों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।
फिर एकलपीठ के बहाल किए जाने के आदेश को चुनौती देती विधान सभा ने गुरुवार को सुनवाई की। इसमें मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश को निरस्त करते हुए विधान सभा सचिवालय के आदेश को सही ठहराया।
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