/ Oct 29, 2025
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UTTARAKHAND TRANSPORT STRIKE: गढ़वाल मंडल के तमाम रूटों पर बुधवार सुबह से परिवहन पूरी तरह ठप हो गया है। उत्तराखंड परिवहन महासंघ के आह्वान पर ट्रक, बस, टैक्सी, विक्रम, ऑटो और ई-रिक्शा संचालकों ने आज सुबह छह बजे से शाम पांच बजे तक चक्का जाम का ऐलान किया है। चक्का जाम को देहरादून और पर्वतीय जिलों की यूनियनों का भी समर्थन मिल गया है। ऋषिकेश से लेकर श्रीनगर, टिहरी, पौड़ी और चमोली तक वाहन संचालन पूरी तरह रुका रहा, जिससे आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, स्कूल बसों, एंबुलेंस और दुग्ध वाहनों को आवागमन की छूट दी गई है।

गढ़वाल मंडल के विभिन्न परिवहन संगठनों की बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि विभागीय मांगों के समाधान में देरी के कारण एक दिन का चक्का जाम आवश्यक है। परिवहन प्रतिनिधियों ने बताया कि विभाग की ओर से बार-बार आश्वासन मिलने के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। महासंघ की बैठक में ट्रक, बस, टैक्सी, ऑटो और विक्रम यूनियनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इसमें यह तय किया गया कि जब तक सरकार उनकी मांगों पर लिखित आश्वासन नहीं देती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि पिछले कई महीनों से विभाग की नीतियां उन्हें भारी आर्थिक नुकसान की ओर धकेल रही हैं।

परिवहन विभाग की ओर से वार्ता का प्रयास किया गया और यह दावा किया गया कि 10 सूत्रीय मांगों में से अधिकांश पर मुख्यालय स्तर से सहमति बन चुकी है। इसमें वाहनों की फिटनेस प्रक्रिया को पूर्व की तरह स्थानीय एआरटीओ कार्यालय में फिर शुरू करने का प्रस्ताव, वाहन स्वामियों को एक वर्ष का टैक्स माफ करने की सिफारिश, चालक-परिचालकों को आर्थिक सहायता देने और आपदा के दौरान अधिग्रहित वाहनों का किराया बढ़ाने जैसी बातें शामिल थीं। इसके साथ ही ट्रकों की भार क्षमता बढ़ाने और राष्ट्रीय परमिट वाहनों में एकरूपता लाने की दिशा में भी कार्रवाई का आश्वासन दिया गया।

फिर भी परिवहन संगठनों का कहना है कि बिना लिखित आश्वासन के वे पीछे नहीं हटेंगे। उनका आरोप है कि हर वर्ष टैक्स में पांच प्रतिशत की वृद्धि की जा रही है, जबकि पहले ही तय हुआ था कि किराया बढ़ने के बाद ही टैक्स संशोधित होगा। साथ ही लालतप्पड़ की जगह एआरटीओ कार्यालय में फिटनेस सुविधा बहाल करने, आपदा से प्रभावित परिवहन व्यवसायियों के लिए टैक्स माफी की नई नीति लाने और पुराने वाहनों पर विशेष राहत देने की मांग दोहराई गई। परिवहन महासंघ ने साफ किया है कि अगर जल्द समाधान नहीं हुआ, तो आंदोलन चरणबद्ध रूप में जारी रहेगा।

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