Uttarakhand Devbhoomi Desk: “मैं बेटे को ट्रेनिंग के लिए मसूरी छोड़कर आई (Uttarakhand Martyr Soldier) थी। अब मैं अपने बहादुर बच्चे के बिना कैसे रहूंगी।” कुछ ऐसा ही बोल कर बिलख-बिलख कर रोने लगी मां। लेकिन जब तिरंगे से लिपटकर शहीद बेटे का शव घर पहुँचा तो मां ने कहा, ” देखो मेरा शेर आ गया… और बोली मैं अपने बहादुर बेटे की शहादत पर आंसू नहीं बहाऊंगी” यह सुन हर किसी की आंखें नम हो गई।
आपको बता दें कि बीते दिन भारत-चीन सीमा पर शहीद हुुए (Uttarakhand Martyr Soldier) टीकम सिंह नेगी का पार्थिव शरीर शाम को करीबन साढ़े तीन बजे देहरादून पहुंचा। शहीद के ताबूत को देख परिवार वालों पर दुखों का पहाड़ टूट गया। वहीं उत्तराखंड के आईटीबीपी में असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर तैनात रहे टीकम सिंह नेगी का मंगलवार को प्रेमनगर स्थित श्मशान घाट में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान नम आंखों से परिजनों और क्षेत्रवासियों ने शहीद को अंतिम विदाई दी।
Uttarakhand Martyr Soldier: फोन पर पत्नी को बताया एक सीक्रेट मिशन पर जा रहे हैं और फिर…
देहरादून जिले के (Uttarakhand Martyr Soldier) सेलाकुई निवासी टीकम सिंह नेगी (34) ने करीब आठ दिन पहले अपनी पत्नी से फोन पर बात की था। और कहा था कि वह एक सीक्रेट मिशन पर जा रहे हैं। लौटकर बात करेंगे। कौन जानता था कि टीकम सिंह कभी लौट कर नहीं आएंगे।
बीते सोमवार को आईटीबीपी के अधिकारियों से उन्हें पति के शहीद होने की खबर मिली। अधिकारियों ने बताया कि गोपनीय मिशन पर पेट्रोलिंग के दौरान बोल्डर गिरने से उनके सिर पर गंभीर चोटें आई थी, जिस कारण वह शहीद हो गए। परिजनों को उनके शहीद होने की खबर मिलते ही पूरे क्षेत्र में मातम छा गया। बता दें कि वर्ष 2011 में टीकम सिंह नेगी आइटीबीपी में बतौर असिस्टेंट कमांडेंट के रूप में भर्ती हुए थे।
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