/ Dec 12, 2025
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UTTARAKHAND GOVT EMPLOYEES RULES: उत्तराखंड सरकार ने राज्य के सरकारी कर्मचारियों, निगमों और उपक्रमों में कार्यरत अधिकारियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। कार्मिक सचिव शैलेश बगौली ने राज्य सरकार के सभी विभागों, उपक्रमों और निगमों को सख्त निर्देश जारी किए हैं कि वे आगामी 15 दिसंबर तक कर्मचारियों के आचरण और संपत्ति से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराएं। यह कार्रवाई नैनीताल हाईकोर्ट द्वारा एक याचिका पर दिए गए निर्देशों के अनुपालन में की जा रही है।

कार्मिक सचिव शैलेश बगौली ने इस संबंध में एक परिपत्र (सर्कुलर) जारी किया है। यह आदेश राज्य के सभी प्रमुख सचिवों, सचिवों, विभागाध्यक्षों, कार्यालयाध्यक्षों, मण्डलायुक्तों और जिलाधिकारियों को भेजा गया है। इसके अलावा, राज्य सरकार के अधीन आने वाले विभिन्न उपक्रमों और निगमों के प्रबंध निदेशकों को भी इस परिपत्र के माध्यम से सूचित किया गया है। न्यायालय ने सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को कर्मचारियों के आचरण और संपत्ति विवरण को लेकर कुछ विशेष निर्देश दिए थे। न्यायालय के इन्हीं आदेशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए कार्मिक विभाग ने यह समयबद्ध अल्टीमेटम जारी किया है।

कार्मिक सचिव द्वारा जारी किए गए परिपत्र में विशेष रूप से ‘उत्तराखंड राज्य कर्मचारियों की आचरण नियमावली, 2002′ के दो महत्वपूर्ण नियमों का उल्लेख किया गया है। पहला नियम-2 (ग) है, जिसमें सरकारी कर्मचारी के ‘परिवार के सदस्य’ की परिभाषा स्पष्ट की गई है। दूसरा और सबसे महत्वपूर्ण बिंदु नियम-22 है, जो चल-अचल और बहुमूल्य संपत्ति खरीदने और उसकी घोषणा करने से संबंधित है। शासन ने विभागों से अपेक्षा की है कि वे नियम-22 के तहत यह जानकारी दें कि कर्मचारियों ने कब और कितनी चल या अचल संपत्ति खरीदी है और क्या उन्होंने नियमानुसार इसकी घोषणा विभाग को की है या नहीं।

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