/ Dec 18, 2025
All rights reserved with Masterstroke Media Private Limited.
UTTARAKHAND COLD WEATHER: देवभूमि उत्तराखंड इस समय कुदरत की दोहरी मार झेल रहा है। एक तरफ जहां कड़ाके की ठंड ने लोगों को ठिठुरने पर मजबूर कर दिया है, वहीं दूसरी तरफ प्रदूषण ने सांस लेना मुश्किल कर दिया है। राज्य के पर्वतीय इलाकों में तापमान शून्य से काफी नीचे जाने के कारण नदियां और झीलें जमने लगी हैं, जबकि मैदानी इलाकों में घने कोहरे ने जनजीवन की रफ्तार थाम दी है। राजधानी देहरादून की आबोहवा इस वक्त बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई है, जिससे बुजुर्गों और सांस के मरीजों के लिए खतरा बढ़ गया है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों के लिए कोहरे और बर्फबारी का मिला-जुला पूर्वानुमान जारी किया है।

अपनी साफ-सुथरी हवा और बेहतरीन मौसम के लिए मशहूर देहरादून इन दिनों प्रदूषण की भारी चपेट में है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के ताजा आंकड़ों ने चिंता बढ़ा दी है। मंगलवार को शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 294 दर्ज किया गया, जो इस साल का अब तक का सबसे खराब स्तर है। हैरानी की बात यह है कि दीपावली के दिन भी यहां प्रदूषण का स्तर 254 था, यानी मौजूदा हालात दिवाली से भी ज्यादा खराब हैं। शाम ढलते ही शहर में स्मॉग की चादर छा जाती है। यहां तक कि ऋषिकेश जैसे शांत और पवित्र शहर में भी एक्यूआई 100 के पार पहुंचना पर्यावरणविदों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) देहरादून ने मैदानी जिलों के लिए चेतावनी जारी की है। 18 और 19 दिसंबर को हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जिलों के साथ-साथ नैनीताल, चंपावत, पौड़ी और देहरादून के मैदानी इलाकों में घने से अत्यंत घने कोहरे की संभावना जताई गई है। हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में तो ‘सीवियर कोल्ड डे’ यानी भीषण सर्द दिन जैसे हालात रहने की आशंका है। बुधवार सुबह भी इन इलाकों में विजिबिलिटी 50 मीटर से भी कम रह गई थी, जिससे सड़कों पर वाहनों को दिन में हेडलाइट जलाकर रेंगना पड़ा। हरिद्वार में हरकी पौड़ी पर घाट और मंदिर भी धुंध में गायब नजर आए। 20 दिसंबर को भी मैदानी क्षेत्रों में कोहरे का प्रभाव बना रहेगा।

उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हाड़ कंपाने वाली ठंड पड़ रही है। चमोली जिले में 15 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित सिखों के पवित्र तीर्थस्थल हेमकुंड साहिब का सरोवर पूरी तरह से जम गया है। यहां का तापमान माइनस 20 डिग्री तक लुढ़क गया है। इसके अलावा नीति घाटी और गंगोत्री नेशनल पार्क क्षेत्र में बहने वाले छोटे नदी-नाले और झरने भी ठंड के कारण बर्फ में तब्दील हो चुके हैं। हालांकि, अभी तक अच्छी बर्फबारी न होने से क्रिसमस और न्यू ईयर के लिए आए पर्यटक थोड़े निराश हैं, लेकिन उनके लिए एक अच्छी खबर है।

मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्वानुमान के अनुसार, 20 और 21 दिसंबर को मौसम करवट बदल सकता है। इस दौरान उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ जिलों में कहीं-कहीं बहुत हल्की से हल्की बारिश और बर्फबारी होने की संभावना है। विशेष रूप से 3500 मीटर और उससे अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी के आसार हैं। इसके बाद 22, 23 और 24 दिसंबर को राज्य के अधिकांश जिलों में मौसम फिर से शुष्क रहने का अनुमान है। मौसम विभाग ने बताया है कि अगले 2-3 दिनों तक तापमान में कोई खास बदलाव नहीं होगा, लेकिन उसके बाद तापमान में थोड़ी बढ़ोतरी हो सकती है।

देश दुनिया से जुड़ी हर खबर और जानकारी के लिए क्लिक करें-देवभूमि न्यूज
All Rights Reserved with Masterstroke Media Private Limited.