उत्तराखंड भर्ती घोटाले में कई दरोगाओं और कर्मियों पर गिर सकती है गाज

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Uttarakhand  Bharti Scam
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उत्तराखंड में भर्ती घोटाले में शासन प्रशासन बहुत ही सख्त रुख अपना रहा है। पंतनगर विश्वविद्यालय के दो कर्मियों पर दरोगा भर्ती घोटाले में मुकदमा दर्ज हुआ है, इसी के साथ ही विश्वविद्यालय के अन्य कर्मचारियों पर भी गाज गिर सकती है।

विजिलेंस ने साल 2015-16 उत्तराखंड पुलिस दरोगा भर्ती प्रकरण में पंतनगर विश्वविद्यालय के दो अफसरों और हाकम सिंह समेत 12 आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद अब कई कर्मी और गलत तरीके से भर्ती हुए दरोगा विजिलेंस की रडार पर हैं।

इन नामजद लोगों और अन्य आरोपितों को विजिलेंस कभी भी अपनी गिरफ्त में ले सकती है। हालांकि इस धांधली से जुड़े दरोगाओं सहित नामजद लोगों ने अपने बचाव के लिए कोर्ट की शरण में जाने का मन बना लिया है।

15 दरोगाओं के नाम एसटीएफ विजिलेंस को दे चुकी है। एसपी विजिलेंस प्रह्लाद सिंह मीणा ने कहा कि मामले में कार्रवाई गड़बड़ी की शिकायतों के आधार पर की गई है।

अभी जांच चल रही है, कितने दरोगा गलत तरीके से भर्ती हुए हैं ये अभी जांच का विषय है।

Uttarakhand  Bharti Scam :UKSSSC पेपर लीक मामले से तथ्य आए सामने

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दरअसल UKSSSC पेपर लीक घोटाले की जांच के दौरान कई अन्य भर्तियों में भी गड़बड़ी की बातें सामने आई हैं। इन्हीं में से एक 2015 में हुई पुलिस दारोगा भर्ती भी शामिल है। इसी को देखते हुए पुलिस मुख्यालय  ने गृह विभाग को पुलिस विंग छोड़ किसी अन्य जांच एजेंसी से 2015 दरोगा भर्ती में गड़बड़ी की आंशका जाहिर करते हुए निष्पक्ष पारदर्शी जांच का प्रस्ताव भेजा गया था।

उसी प्रस्ताव को देखते हुए गृह विभाग ने विजिलेंस को साल 2015 दारोगा भर्ती जांच के आदेश दिए, विजिलेंस पुलिस विभाग के अधीन नहीं आता,यही कारण है कि मुख्यालाय के प्रस्ताव पर सहमति जताते हुए विजिलेंस जांच सौंपी गई।

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