भाजपा हो या कांग्रेस…..दांव युवा चेहरों पर, जिम्मेदारी उम्रदराज कंधों पर
देहरादून ब्यूरो। तीन-तीन मुख्यमंत्री पांच साल में बदलने वाली भाजपा की नैय्या विधानसभा चुनाव में युवा मतदाता ही पार लगा सकते हैं। भाजपा हो या कांग्रेस यह तो मानना होगा कि दोनों ही पार्टियों ने अपने मुख्यमंत्री से लेकर संगठन मुखिया तक की कमान युवा चेहरे को ही सौंपी है। वहीं, अब प्रदेश में उन उम्रदराज नेताओं के लिए चिंता भी खड़ी हो गई है जो अभी भी विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए अपने विधानसभा इलाके में कूदी-फांदी मार रहे हैं। भाजपा का नारा युवा उत्तराखंड, युवा मुख्यमंत्री कहीं न कहीं बीजेपी के उम्रदराज नेताओं की टेंशन बन रहा है। भाजपा के कई ऐसे दिग्गज ऐसे हैं जिनकी पार्टी में अच्छी खासी पक्कड़ होने के साथ ही वह चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। ऐसे में अब देखना होगा कि आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा किन-किन उम्रदराज प्रत्याशियों को मैदान में उतारती है। इनमें से बात भाजपा की करें तो सतपाल महाराज, त्रिवेंद्र सिंह रावत, हरभजन सिंह चीमा समेत कई ऐसे नेता हैं जो भाजपा के युवा प्रत्याशी युवा युवा उत्तराखंड या युवा भारत के खाके में शायद ही आएं। दूसरी ओर कांग्रेस के कई उम्रदराज दिग्गज चुनाव मैदान में खम ठोके हुए हैं। अब देखना होगा कि यह दिग्गज कितना वोट बैंक अपने पक्ष में कर पाते हैं।
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जिस तरह भाजपा का नया फार्मूला है कि पार्टी की कमान अब युवा नेताओं के कंधों और हाथों में होगी। ऐसे में साठ साल से अधिक उम्र के लोगों को न तो विधानसभा और न ही सांसद में का प्रत्याशी बनाया जाएगा। फिर भी पार्टी कई बार लोगों की रायशुमारी और अन्य प्रतिद्वंद्वियों को देखते हुए प्रत्याशी घोषित करेगी। कुल मिलाकर उम्रदराज नेताओं को टिकट की आस रखना बेमानी ही होगी।
वहीं, दूसरी ओर प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस की बात करें तो यहां भी जिम्मेदारी उम्रदराज नेताओं पर ही अधिक है। उत्तराखंड विधानसभा के चुनावी समर में इस बार कांग्रेस की नैया पार लगाने का दारोमदार 60 की उम्र पार कर चुके नेताओं के कंधे पर है। देखने वाली बात यह है कि चुनाव अभियान समिति की कमान खुद हरीश रावत संभाल रहे हैं, जो 78 वर्ष की उम्र में भी युवाओं चुनौती दे रहे हैं। कांग्रेस में इस बार भी 40 से अधिक नेताओं ने दावेदारी पेश की है। उम्र के इस पड़ाव में कइयों के लिए यह चुनाव आर-पार का होने जा रहा है। कांग्रेस पार्टी में आगामी विधानसभा चुनाव में आधी से अधिक सीटों पर 60 प्लस दिग्गज चुनाव लड़ते दिखाई दे सकते हैं। मोटे-मोटे तौर पर उम्रदराज नेताओं की बात करें तो गोविंद सिंह कुंजवाल (76), हरीश दुर्गापाल (80), नारायण राम आर्य (69), रंजीत रावत (62), यशपाल आर्य (69), सुरेंद्र सिंह नेगी (64), विजयपाल सजवाण (63), प्रो. जीतराम (60), मंत्री प्रसाद नैथानी (63), किशोर उपाध्याय (63), प्रीतम सिंह (63), नवप्रभात (65), प्रदीप टम्टा, सांसद (63), हीरा सिंह बिष्ट (78), दिनेश अग्रवाल (72), मातवर सिंह कंडारी (79), शूरवीर सिंह सजवाण (72), टीपीएस रावत (81) जैसे नेता इस बार चुनाव में ताल ठोकते नजर आ सकते हैं।
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