UK में इस भारतीय महिला ने बनाए 150 लोगों के फर्जी DL; ‘मुन्नाभाई’ बन कमाए इतने करोड़, ऐसे हुई अरेस्ट

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नई दिल्ली, ब्यूरो। आपने कई बार फिल्मों में कई किरदारों को देखा होगा। अक्सर ऐसे कई मामले सामने आते भी हैं जब किसी दूसरे की जगह टेस्ट देते हुए शातिर लोगों को अरेस्ट किया जाता है। भारत की एक शातिर महिला ने ऐसे ही दूसरों की जागह टेस्ट देकर ड्राइविंग लाइसेंस बनाए और इस एवज में महिला ने हर DL के £800 लिए थे। यानी भारतीय रुपए के हिसाब से देखा जाए तो हर DL के महिला ने लोगों से रुपये 76,374 लिए। ऐसे ही 150 DL महिला ने पास करवाकर ठीक-ठाक पैसा बना लिया। हालांकि DL जारी करने वाली महिला और अन्य कर्मियों को महिला के बार बार टेस्ट के लिए पहुँचने पर शक हुआ तो इस मामले का पर्दाफास हुआ। अब महिला को मात्र 8 माह की जेल की सजा सुनाई गई है। वहीं, महिला की ओर से बनवाए गए फर्जी DL भी निरस्त करने की कवायद चल रही है।

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दरअसल, BBC में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, “UK में रह रही एक भारतीय मूल की महिला को 150 लोगों की जगह फ़्रॉड टेस्ट लेने के लिए जेल हो गई है। यूनाइटेड किंगडम के वेल्स में लनेली शहर है। यहां रहने वलीन एक महिला इंद्रजीत कौर पर आरोप हैं कि 2018 और 2020 के बीच उसने 150 लोगों की जगह ड्राइविंग टेस्ट लिए। प्रैक्टिकल और थ्योरी दोनों पास करवाए। पुलिस ने कहा कि इंद्रजीत ने ऐसे लोगों की जगह टेस्ट दिए, जिनका अंग्रेज़ी में हाथ तंग था। जांच में पता चला कि आरोपी एक टेस्ट के लिए £800 (क़रीब 76,374 रुपये) लेती थीं। आरोपी इंद्रजीत ने UK के अलग-अलग शहरों स्वानसी, कार्मार्थेन, बर्मिंघम और लंदन में टेस्ट्स दिए। मामला सामने आया तो पुलिस ने महिला को धर लिया। स्वानसी क्राउन कोर्ट ने केस में फैसला दिया। महिला को 8 महीने की जेल की सज़ा दी गई है।

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इस फ़्रॉड का पता तब चला जब टेस्ट सेंटर्स पर कर्मचारियों को शक हुआ कि इंद्रजीत बार-बार अलग-अलग लोगों के टेस्ट के लिए आ रही हैं। इसके बाद व्हीकल स्टैंडर्ड एजेंसी ने एक रेफरल दिया और साउथ वेल्स में जांच शुरू हुई. जस्टिल हुव रीस ने अपने आदेश में बताया कि आरोपी महिला ने इस फर्जीवाड़े से अब तक करीब £120,000 (करीब 1.14 करोड़ रुपये) कमाए हैं। टैरियन के डिटेक्टिव चीफ़ इंस्पेक्टर स्टीवन मैलोनी ने कहा कि कौर ने अनक्वालिफ़ाइड ड्राइवर्स का टेस्ट दिया, जिसकी वजह से न जाने कितने लोगों की जान को ख़तरा हो सकता था। स्टीवन ने कहा, “कौर ने अयोग्य और ख़तरनाक मोटर ड्राइवर्स को वैध लाइसेंस दिलवाकर सड़क का इस्तेमाल करने वाले निर्दोष लोगों जोख़िम में डाल दिया है। सड़कों पर सुरक्षा हमेशा हमारी प्राथमिकता रही है और क़ानून की धज्जियां उड़ाने वालों को गिरफ़्तार करना ये सुनिश्चित करता है कि हम अयोग्य ड्राइवरों को सड़क से दूर रख सकें।” दूसरी ओर इस मामले में ड्राइवर और व्हीकल स्टैंडर्ड एजेंसी की कर्मचारी कैरोलिन हिक्स ने बताया है कि धोखाधड़ी से मिले लाइसेंस रद्द किए जा सकते हैं।