नई दिल्ली ब्यूरो- एक बार फिर जोसेफ वू जो कि Taiwan के विदेश मंत्री हैं, उन्होंने चीन पर निशाना साधते हुए उसके विस्तारवादी रवैये का जिक्र किया। उनके द्वारा कहा गया कि दुनिया के जितने भी लोकतांत्रिक देश है उन्हें बीजिंग से मुकाबला करने के लिए एकजुट साथ आना चाहिए । वू के द्वारा कहा गया कि, ‘यह लोकतंत्र के एकजुट होने का समय है। चीन की हरकतें Taiwan या दक्षिण चीन सागर तक सीमित नहीं हैं। सोलोमन द्वीप में चीन के बढ़ते दखल को लेकर ऑस्ट्रेलिया भी चिंतित है। चीन जिबूती में भी आधार बनाने में लगा हुआ है।’
लोकतांत्रिक देशों को चीन के खिलाफ साथ आना चाहिए
Taiwan के विदेश मंत्री जोसेफ वू के द्वारा श्रीलंका के आर्थिक और राजनीतिक संकट की भी बात कही गई। उन्होंने कहा कि चीन ने श्रीलंका को कर्ज के जाल में पूरी तरीके से फंसा दिया है। इसके अलावा इस बात की भी तारीफ की, कि जापान ताइवान के साथ मजबूती से खड़ा है। उन्होंने कहा कि अन्य देशों को भी उनके साथ आना चाहिए।
Taiwan ने लगाई भारत से मदद की गुहार
इस वक्त ताइवान में तनाव का माहौल है। ऐसे में Taiwan ने भारत से मदद मांगी है। दरअसल, ताइवान चाहता है कि वो इंटरनेशनल क्रिमिनल पुलिस ऑर्गेनाइजेशन यानी इंटरपोल में शामिल हो जाए। जिसके चलते उसने भारत से मदद मांगी। Taiwan इस समय इंटरपोल में शामिल नहीं है। उसे शामिल करने में भारत उसकी मदद कर सकता है। इस समय चीन और ताइवान के बीच युद्ध की स्थिति देखने को मिल रही है। जिसके चलते ताइवान अन्य देशों से मदद की गुहार लगा रहा है।
चीन Taiwan पर भड़का हुआ
जैसा कि ताइवान शुरू से अपने देश पर चीन के राजनीतिक नियंत्रण को स्वीकार करने के लिए मना करता आया है। कुछ दिन पहले चीन के द्वारा ताइवान के समुद्री और हवाई इलाके में मिसाइल छेड़ी गई है। ऐसा उसने इसलिए किया था क्योंकि अमेरिकी सदन की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी ने दौरा किया था। जिसके बाद चीन ताइवान को धमकी दे रहा है।
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