छात्र-छात्राओं ने लगाए आरोप, तहसीलदार बोले मामले की करेंगे जांच
हल्द्वानी (पंकज अग्रवाल): उत्तराखंड की तहसीलों में स्टाम्प खरीद के नाम पर खुली लूट चल रही है। ₹20 का स्टाम्प ₹150 में बेचा जा रहा है। एसडीएम और तहसीलदार की नाक के नीचे और आंखों के सामने खुली लूट हो रही है फिर भी कोई कार्रवाई करना तो दूर इस बारे में कुछ कहने को भी तैयार नहीं है। उत्तराखंड में कमोबेश हर तहसील और एसडीएम परिसर के यही हालात हैं। लोग भी अपना काम निकालने के चक्कर में ज्यादा पैसा दे देते हैं, जिससे इन स्टाम्प माफियाओं की सीधे-सीधे जेबें भारी हो रही हैं। सरकार जबकि विक्रेताओं को ₹10 ज्यादा लेने के लिए कहती है। फिर भी ये स्टाम्प माफिया ऊपरी ₹20 का स्टाम्प ₹150 बेचकर कर ऊपरी कमाई कर रहे हैं।
दरअसल, उत्तराखंड सरकार ने छात्र-छात्राओं को टैब उपलब्ध कराने को लेकर एमबीपीजी कॉलेज में छात्र-छात्राओं से शपथ पत्र मांगा जिसके बदले में सभी छात्र छात्राएं तहसील परिसर में सुबह से ही तृतीय काउंटर पर खड़े दिखाई दिए। छात्र छात्राओं का आरोप है कि हमसे ₹20 का स्टाम्प ₹150 में दिया गया है। उन्होंने कहा कि हम छात्र-छात्राएं हैं। अभी बेरोजगार हैं, लेकिन तहसील परिसर में हम लोगों के साथ लूट हो रही है।
दूसरी ओर इस संबंध में तहसीलदार का कहना है कि आपके द्वारा मामला संज्ञान में आया है। इसकी जांच कराई जा रही है। जो भी अवैध रूप से स्टाम्प बेच रहा है उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले तहसील परिसर के अंदर स्टाम्प को लेकर घोटाला किया गया था जिसके बाद कमिश्नर के द्वारा निरीक्षण भी किया गया था। कमिश्नर ने साफ निर्देश दिए थे कि कोई भी स्टाम्प वेंडर ₹10 से अधिक किसी स्टाम्प पर नहीं लेगा, लेकिन आज फिर दोबारा से ही उनके आदेशों की अवहेलना होती दिखाई दी।