Saraswati Mata : अक्सर हमारे पूर्वज हमे बहुत कुछ सिखाते हैं उन्हीं मे से एक बात वो अक्सर बोलते रहते हैं कि हमेशा शुभ बोला करो क्योंकि कभी ना कभी आपके मुंह में Saraswati Mata निवास करती है।
मां सरस्वती जिन्हें विद्या बुद्धी ज्ञान और विवेक की देवी भी कहा जाता है। Saraswati Mata ही इंसान को सही रास्ते पर ले जाती हैं।
इस समय करती हैं मुंह में निवास
मान्यता है कि बह्राजी ने शृष्टि की रचना करने के बाद मनुष्य की रचना की और मनुष्य की रचना के बाद उन्होंने अनुभव किया कि केवल इससे ही सृष्टि को गति नहीं दी जा सकती। ऐसे में भगवान विष्णु से अनुमति लेकर उन्होंने एक चतुर्भुजी स्त्री की रचना की जिसके एक हाथ में वीणा और दूसरा हाथ वर मुद्रा में था। और अन्य दोनों हाथों में पुस्तक और माला थी। इनका नाम सरस्वती रखा गया।
एक मान्यता के अनुसार भगवान विष्णु के कथन के अनुसार ही बह्रा जी ने सरस्वती देवी का आह्वान किया और Saraswati Mata के प्रकट होने पर ही बह्राजी ने उन्हें अपनी वीणा से स्वर भरने का अनुरोध किया, Saraswati Mata ने जैसे ही वीणा के तारों को छुआ उससे सबसे पहले स शब्द की ध्वनि सुनाई दी ये शब्द संगीत के सात स्वरों में प्रथम स्वर है।
Saraswati Mata इस समय करती हैं मुंह में निवास
24 घंटे यानि पूरे दिनभर में एक बार ऐसा समय जरुर आता है जब व्यक्ति की जुबान पर आई बात सच हो जाती है। इस दौरान बोला गया हर शब्द सच हो जाता है। माना जाता है कि कभी भी सरस्वती जीभ पर बैठी हो सकती है और ऐसे में आप जो भी बोलेंगें वो बात सच हो जाएगी।
एक मान्यता के अनुसार रात को 3.10 मिनट से 3.15 मिनट तक समय सर्वोतम माना जाता है। बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है। मान्यता है इसी दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था।