/ Oct 18, 2024
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SADHGURU ISHA FOUNDATION: सुप्रीम कोर्ट ने सद्गुरु जग्गी वासुदेव के ईशा फाउंडेशन के खिलाफ चल रहे एक बंधक बनाने के मामले को बंद कर दिया है। रिटायर्ड प्रोफेसर एस कामराज ने मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि उनकी दो बेटियों, लता और गीता, को ईशा फाउंडेशन के आश्रम में बंधक बना लिया गया है। मद्रास हाईकोर्ट ने 30 सितंबर को इस मामले में एक जांच के आदेश दिए थे और ईशा फाउंडेशन से जुड़े सभी आपराधिक मामलों की जानकारी पेश करने के लिए कहा था। इसके बाद, 1 अक्टूबर को लगभग 150 पुलिसकर्मियों ने फाउंडेशन के मुख्यालय पर छापा मारा।
ईशा फाउंडेशन ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। इस पर सुनवाई के दौरान, CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने स्पष्ट किया कि मद्रास हाईकोर्ट का ऐसी याचिका पर जांच के आदेश देना सही नहीं था। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि आश्रम में पुलिस का छापा अवैध था और लड़कियों के पिता की याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने यह भी उल्लेख किया कि लड़कियां, जब आश्रम में गईं, तब उनकी उम्र 27 और 24 साल थी, जो कि बालिग हैं। इस प्रकार, कोर्ट ने यह निष्कर्ष निकाला कि दोनों लड़कियां अपनी मर्जी से आश्रम में रह रही थीं।
सद्गुरु का ईशा फाउंडेशन विवादों में, लड़कियों को बंधक बनाने का आरोप
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