इस राज्य में लागू होगी पुरानी पेंशन योजना, विधायकों ने टेबल बजाकर किया स्वागत

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क्या उत्तराखंड सहित अन्य राज्यों में भी लागू होगी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना?

जयपुर, ब्यूरो। राजस्थान के मुख्यमंत्री ने अपने राज्य के सभी कर्मचारियों को पहले की तरह पेंशन योजना लागू करने की घोषणा की है। उत्तराखंड सहित पूरे देश के कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना के लिए आंदोलन करते रहे हैं। वहीं, पांच राज्यों में चुनाव के बीच की गई इस घोषणा से सबसे बडे राज्य UP में पोलिंग प्रभावित होने के आसार भी लग रहे हैं।

बता दें कि साल 2004 से पहले कर्मचारियों को पुरानी पेंशन स्कीम के तहत रिटायरमेंट के बाद एक निश्चित पेंशन मिलती थी। यह पेंशन रिटायरमेंट के समय कर्मचारी के वेतन पर आधारित होती थी। इस स्कीम के तहत रिटायर्ड कर्मचारी की मौत के बाद उसके परिजनों को भी पेंशन का प्रावधान था। तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेई की सरकार ने अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त होने वाले कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम को बंद कर दिया और नई पेंशन योजना लागू की। इसके बाद राज्यों ने भी नई पेंशन योजना को अपना लिया। पिछले कई वर्षों से सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने की मांग के साथ विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं।

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बुधवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक जनवरी 2004 और उसके बाद नियुक्त हुए सभी राज्य कर्मचारियों के लिए अगले वित्त वर्ष से पुरानी पेंशन योजना लागू करने की घोषणा की है। इससे अब सरकारी कर्मचारियों को रिटायर्ड होने पर पहले के सरकारी कर्मचारियों की तरह ही पूरी पेंशन मिलेगी। 2004 में पुरानी पेंशन योजना को खत्म कर दिया गया था। पांच राज्यों में चल रहे चुनाव के बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री की ओर से की गई इस घोषणा का सबसे ज्यादा देर टेबल बजाकर विधायकों ने स्वागत किया। मुख्यमंत्री गहलोत ने 1 जनवरी 2004 और उसके बाद नियुक्त कार्मिकों के लिए पहले की तरह पेंशन की घोषणा की है। 2004 के बाद एनपीएस के तहत कंट्रीब्यूटरी पेंशन का ही प्रावधान किया गया है। सीएम गहलोत ने कहा कि नई पेंशन स्कीम के कारण कार्मिकों में वृद्धावस्था में असुरक्षा का भाव पैदा हो गया है। कर्मचारियों के लिए सुरक्षा मुहैया कराना हमारी जिम्मेदारी है।