/ Dec 15, 2025
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PRSI NATIONAL CONVENTION: पब्लिक रिलेशन सोसाइटी ऑफ इंडिया (पीआरएसआई) के राष्ट्रीय अधिवेशन के तीसरे दिन आयोजित पांचवें सत्र में समसामयिक और गंभीर विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई। इस सत्र का मुख्य केंद्र बिंदु आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), साइबर क्राइम और मिसइन्फॉर्मेशन रहा। विभिन्न क्षेत्रों से आए विशेषज्ञों ने सत्र में एआई के बढ़ते प्रभाव, इसके फायदों, चुनौतियों और इससे जुड़ी साइबर सुरक्षा पर अपने विचार रखे। वक्ताओं ने स्पष्ट रूप से यह संदेश दिया कि एआई से डरने की बजाय उसके प्रति जागरूक होना और समय के अनुसार खुद को अपडेट करना ही मौजूदा समय में सबसे बड़ा समाधान है।

सत्र में उत्तराखंड पुलिस के अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) अंकुश मिश्रा ने बताया कि ने चेतावनी दी कि एआई के जरिए किसी की भी आवाज कॉपी की जा सकती है और डीपफेक वीडियो बनाए जा सकते हैं। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि लोग अपनी प्रोफेशनल और व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित रखें। उन्होंने सलाह दी कि किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें और सोशल मीडिया पर निजी जानकारी साझा करने से बचें। उन्होंने जोर देकर कहा कि एआई से डरना नहीं है, बल्कि जागरूक रहना है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि कोई व्यक्ति डीपफेक वीडियो को शेयर करता है, तो उसे भी दोषी माना जाएगा।

इसी सत्र में स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) के विनय जायसवाल ने बताया कि एआई ने जनसंपर्क (पीआर) के काम को काफी तेज और सटीक बना दिया है। डेटा एनालिसिस और मीडिया मॉनिटरिंग में यह एक शक्तिशाली टूल है, लेकिन इसका इस्तेमाल नैतिक तरीके से होना चाहिए। वहीं, ग्राफिक हिल यूनिवर्सिटी की ताहा सिद्दिकी ने “अधीरा” प्लेटफॉर्म का जिक्र करते हुए समझाया कि एआई इंसान की जगह नहीं ले सकता, बल्कि यह हमारे काम में एक अच्छे सहायक की भूमिका निभा सकता है। युवाओं को इसे खतरे के बजाय एक अवसर के रूप में देखना चाहिए।

इसके बाद छठवें सत्र में कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन की भूमिका पर चर्चा हुई। PRSI उपाध्यक्ष यू.एस. शर्मा ने कहा कि आज के डिजिटल दौर में पारदर्शिता बहुत जरूरी है। THDC के डॉ. अमरनाथ त्रिपाठी ने टिहरी डैम और पर्यावरण संरक्षण पर बात की। उन्होंने बताया कि 2036 तक टिहरी डैम को दुनिया का सबसे बेहतरीन वाटर स्पोर्ट्स डेस्टिनेशन बनाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें मीडिया और पीआर की बड़ी भूमिका रहेगी। अंत में PRSI अध्यक्ष अजीत पाठक ने निष्कर्ष निकाला कि एआई एक चुनौती भी है और मौका भी, बस हमें साइबर सुरक्षा का ध्यान रखते हुए इसका सही इस्तेमाल करना होगा।

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