पाकिस्तान की मशहूर सिंगर Nayyara Noor का निधन हो गया है। उन्होंने 71 साल की उम्र में अंतिम सांस ली है। आपको बता दें कि कराची में लंबी बिमारी के बाद उनका निधन हो गया है। सिंगर नय्यरा नूर के परिवार ने निधन की जानकारी दी है। वही उनके निधन से पूरे देश में शौक लहर है।
उनके भतीजे रजा जैदी ने द्वीट किया कि अत्यंत दुख के साथ मैं अपनी प्यारी ताई नय्यरा नूर के निधन की खबर दे रहा हूं. अल्लाह उनकी रूह को सुकून दें।

Nayyara Noor का भारत से था खास कनेक्शन
3 नवंबर 1950 में असम के गुवाहाटी में जन्मीं नय्यरा पाकिस्तान म्यूजिक इंडस्ट्री का नाम थीं। आपको बता दें कि करीब 7 साल की उम्र तक वो असम में रही थी और बाद में वो अपने परिवार के साथ पाकिस्तान चली गई थी।
Nayyara Noor को बुलबुल ए पाकिस्तान का मिला था खिताब
पाकिस्तान में लोग उन्हें सुरों की मलिका कहते थे। उन्हें साल 2006 में पाकिस्तान के राष्ट्रपति द्वारा प्राइड ऑफ परफॉर्मेंस अवार्ड के साथ साथ बुलबुल ए पाकिस्तान की उपाधि से भी सम्मानित किया गया था। साथ ही उन्हें 1973 में निगार पुरुस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने Nayyara Noor के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी मृत्यू संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है उन्होंने ट्वीट किया गजल हो या गीत,Nayyara Noor ने जो भी गाया उसे संपूर्णता के साथ गाया। नय्यार नूर की मृत्यू के बाद पैदा हुई खाली जगह कभी नहीं भर पाएगी।
Nayyara Noor को उनकी गजलों के लिए किया जाएगा याद
नूर को उनकी गजलों के लिए हमेशा के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने भारत-पाकिस्तान में गजल प्रेमियों के लिए कई सारी गजलें गाई थी। वहीं उन्होंने एक अखबार को बताया था कि ‘’संगीत मेरे लिए एक जुनून है, लेकिन मेरी पहली प्राथमिकता कभी नहीं.’’ मैं पहले एक छात्र, एक बेटी थी और बाद में एक गायिका। मेरी शादी के बाद मेरी प्राथमिक भूमिकाएं एक पत्नी और एक मां की रही हैं।