दो दिवसीय दौरे पर उत्तरकाशी पहुंचे महामहिम राज्यपाल, आईटीबीपी गेस्ट हाउस में ली अफसरों की बैठक
उत्तरकाशी (विनीत कंसवाल): उत्तराखंड के महामहिम राज्यपाल ले. जनरल गुरमीत सिंह जनपद के दो दिवसीय भ्रमण पर है। महामहिम द्वारा जनपद में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में प्रतिभाग किया जायेगा। प्रथम दिवस में महामहिम द्वारा सर्वप्रथम मातली स्थित आईटीबीपी गेस्ट हाउस सभागार में जनपद स्तरीय अधिकारियों की बैठक ली गयी। इस दौरान उन्होंने कहा कि चीन सीमा पर उजड़े नेलांग और जादुंग गांव को बसाना भारत सरकार की प्राथमिकता है। चीन युद्ध के बाद से इन गांवों में लोग बस नहीं पाए हैं।
विभागों के अधिकारियों से जनपद में संचालित विभिन्न विकास योजनाओं की प्रगति की जानकारी ली तथा सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। महामहिम ने अधिकारियों से कहा कि जनपद में कृषि, उद्यान, पर्यटन, एडवेन्चर टूरिज्म एवं अध्यात्म के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम उठाये जाने की आवश्यकता है। जनपद की विश्व पटल पर विशेष पहचान बन सके। उन्होंने कहा कि जनपद में कृषि, उद्यान, पर्यटन, एडवेंचर टूरिज्म एवं अध्यात्म के विकास की अपार सम्भावनाएं हैं।
इन सम्भावनाओं को मूर्त रूप देने के लिए अधिकारियों को विशेष कार्य योजना बनाने के साथ ही सामूहिक प्रयास करने होंगे। बैठक में विभिन्न विभागों द्वारा पावर प्रजेन्टेशन के माध्यम से जनपद में हो रहे कार्यों की प्रगति एवं चुनौतियों के बारे में अवगत कराया गया। पर्यटन विभाग की होमस्टे योजना की जानकारी के दौरान महामहिम जनपद के ग्राम रैथल में होमस्टे योजना चला रहे पृथ्वी राज राणा के पर्यटकों को आर्गेनिक परम्परागत कृषि उत्पादों से लुभाने के प्रयासों से विशेष प्रभावित हुए तथा पृथ्वी राज राणा को रुपये सवा लाख की धनराशि इनाम स्वरूप देने की घोषणा की।
उन्होंने होमस्टे योजना को बढ़ावा देने के निर्देश दिये। कहा कि मैं स्वयं भी अगले भ्रमण के दौरान होमस्टे कार्यों का निरीक्षण करूंगा। कृषि विकास योजनाओं की समीक्षा के दौरान महामहिम ने निर्देश दिये कि जनपद में आर्गेनिक खेती को बढ़ावा दिया जाय। अधिकारियों को निर्देश दिये कि जनपद में मौनपालन, सेब उत्पादन आदि क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वाले पांच-पांच लोगों के नाम मुझे प्रेषित किये जायें।
महामहिम ने डीएफओ एवं उप निदेशक गंगोत्री नेशनल पार्क को वन आपदाओं को रोकने तथा सुगन्धित पुष्प व पौधों, जड़ी बूटियों आदि की सुरक्षा के लिए विशेष प्रयास किये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि नेलांग एवं जादुंग के विस्थापितों को उनके मूल गांव में बसाना भारत सरकार की प्राथमिकता में शामिल है।