लंपी त्वचा रोग : कोरोना के बाद एक और वायरस ने दी दस्तक, उत्तराखंड में हजारों मवेशी इसकी चपेट में

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लंपी त्वचा रोग
लंपी त्वचा रोग
लंपी त्वचा रोग पशुओं में होने वाला 
एक संक्रामक रोग है
 जिसे नीथलिंग वायरस भी कहा जाता है।

lumpy skin disease

कोरोना वायरस के बीच एक और वायरस ने दस्तक दे दी है। इस वायरस की चपेट में आने से अब तक हजारों मवेशी काल के गाल में समा गए हैं। उत्तराखंड में गाय और भैंसों में लंपी त्वचा रोग काफी तेजी से फैल रहा है। लंपी त्वचा रोग की रोकथाम के लिए सरकार ने प्रयास तेज कर दिए हैं। आपको बता दें कि पशु चिकित्सकों की छुट्टिया अग्रिम आदेशों तक रद कर दी गई हैं।

पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने लंपी त्वचा रोग से बचाने के लिए चल रहे टीकाकरण अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं, साथ ही वो स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।

वहीं हरिद्वार, देहरादून व पौड़ी जिले में लंपी त्वचा रोग से पशु सर्वाधिक प्रभावित हैं।  आंकड़ों पर यदि नजर डालें तो अभी तक राज्य में लगभग 19404 पशु इस रोग की चपेट में हैं औऱ 321 पशुओं की मृत्यू हो चुकी है।

वहीं अबतक 2.34 लाख पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है।

क्या है लंपी त्वचा रोग

लंपी त्वचा रोग
लंपी त्वचा रोग

lumpy skin disease

लंपी त्वचा रोग पशुओं में होने वाला एक संक्रामक रोग है जिसे नीथलिंग वायरस भी कहा जाता है। इस रोग के कारण पशुओं की त्वचा पर गांठें होती हैं। संक्रमित पशुओं के संपर्क में आने से दूसरा पशु भी बिमार हो सकता है।

लंपी त्वचा रोग
लंपी त्वचा रोग

lumpy skin disease के लक्षण

संक्रमित पशु को बुखार आना

आखों में पानी टपकना

पशुओं के वजन में कमी

लार बहना

शरीर  में दाने निकलना

दूध कम देना

भूख न लगना

lumpy skin disease से  बचाव

गौशाला की साफ सफाई रखना

मच्छरों को भगाने के लिए स्प्रे करें।

संक्रमित पशु को गोट पॉक्स वैक्सीन लगवाएं

लंपी त्वचा रोग
लंपी त्वचा रोग

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