Kotilingeshwara Temple: क्यों हैं यहां करोड़ों की संख्या में शिवलिंग?
Kotilingeshwara Temple: एशिया का सबसे ऊंचा शिवलिंग जो भारत में विराजमान है। इस विशालकाय शिवलिंग (Kotilingeshwara Temple) के आस पास करोड़ों शिवलिंग मौजूद है। इस मंदिर को लेकर ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में आकर पूजा करने से भक्त पापमुक्त हो जाते हैं।
ये मंदिर कर्नाटक के कोलार जिले के काम्मासांदरा गांव में स्थित है जिसे कोटिलिंगेश्वर धाम के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर में एशिया का सबसे ऊंचा शिवलिंग (Kotilingeshwara Temple) मौजूद है और दुनिया भर से लोग 1 से लेकर 3 फीट तक के शिवलिंग इस मंदिर में स्थापित करते हैं।
इस मंदिर (Kotilingeshwara Temple) को लेकर ऐसी मान्यता है कि जब इंद्रदेव को ऋषि गौतम द्वारा श्राप दिया गया था तो इस श्राप से मुक्ति पाने के लिए इंद्रदेव ने इसी स्थान पर शिवलिंग स्थापित किया था और 10 लाख नदियों के पानी से शिवलिंग का जलाभिषेक किया था। बस उसी वक्त से इस जगह पर वो शिवलिंग स्थापित है।
इसके बाद इस मंदिर (Kotilingeshwara Temple) का निर्माण स्वामी सांभ शिव मूर्ति और उनकी पत्नी वी रुक्मिणी द्वारा 1980 में किया गया था। शुरुआत में यहां पंचलिंग स्थापित किए गए, इसके बाद 101 शिवलिंग और फिर धीरे धीरे अब यहां करोड़ों की संख्या में शिवलिंग स्थापित हैं।
1994 में इस मंदिर (Kotilingeshwara Temple) में एशिया का सबसे लंबा शिवलिंग स्थापित किया गया जो 108 फीट लंबा शिवलिंग है। मंदिर परिसर (Kotilingeshwara Temple) में ही शिवलिंग के सामने एक विशालकाय नंदी मौजूद हैं जो 35 फीट ऊंचे, 60 फीट लंबे और 40 फीट चौड़े हैं। ये एक 4 फीट ऊंचे और 40 फीट चौड़े चबूतरे पर विराजमान हैं।
वहीं 14 दिसंबर 2018 को मंदिर को बनाने वाले स्वामी सांभ शिव मूर्ति का निधन हो गया जिसके बाद स्वामी जी की बेटी और बेटे ने इस मंदिर (Kotilingeshwara Temple) की जिम्मेदारी ली। स्वामी जी का सपना था कि इस मंदिर (Kotilingeshwara Temple) में करोड़ों की संख्या में शिवलिंग स्थापित किए जाए और आज करोड़ों लोगों द्वारा इस मंदिर परिसर में शिवलिंग के आस पास करोड़ों की संख्या में शिवलिंग स्थापित किए गए हैं।
दरअसल इस मंदिर (Kotilingeshwara Temple) में हर साल शिवलिंग की संख्या बढ़ती रहती है क्योंकि इस मंदिर को लेकर ऐसी मान्यता है कि जब किसी भक्त की यहां मांगी गई मुराद पूरी होती है तो वो यहां इस मंदिर (Kotilingeshwara Temple) में शिवलिंग स्थापित करते हैं, यही वजह है कि इस मंदिर में आज की तारीख में करोड़ों की संख्या में शिवलिंग मौजूद है।
वहीं शिवलिंग के चारों ओर आपको देवी मां, श्री गणेश, नंदी महाराज, और श्री कुमारस्वामी की प्रतिमाएं स्थापित की गईं हैं। इन मूर्तियों को इस तरह से स्थापित किया गया है मानों ये सभी देवगण अपने आराध्य भोलेनाथ की पूजा कर रहे हों।
पूरे मंदिर परिसर में भगवान शिव के इस विशालकाय मंदिर के अलावा 11 और मंदिर स्थापित हैं, इनमें विष्णु जी का मंदिर, वेंकटरमानी स्वामी जी का मंदिर, ब्रह्माजी का मंदिर, अन्न्पूर्णेश्वरी देवी माता का मंदिर, राम-लक्ष्मण-सीता जी का मंदिर, पंचमुख गणपति जी का मंदिर, पांडुरंगा स्वामी जी का मंदिर मुख्य तौर पर स्थापित है। वैसे तो इस मंदिर में पूरे वर्ष काफी भीड़ रहती है लेकिन शिवरात्री और महाशिवरात्री के अवसर पर यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालू आते हैं।
For latest news of Uttarakhand subscribe devbhominews.com