केदारनाथ के क्षेत्रपाल भैरवनाथ के कपाट विधि-विधान से खुले, उमड़े श्रद्धालु

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  • शनिवार व मंगलवार को ही खोले जाते हैं भुकुंट भैरवनाथ के कपाट
  • भैरवनाथ के कपाट खोलने के बाद केदारनाथ मंदिर में विधिवत शुरू होती पूजा-अर्चना व आरती
  • आज रात्रि से शुरू होगी केदारनाथ मंदिर में आरती

रुद्रप्रयाग (नरेश भट्ट): केदारपुरी के रक्षक भुकुंट भैरवनाथ के कपाट वेद ऋचाओं व मंत्रोच्चारण के साथ खोल दिये गये हैं। कपाट खुलने के पावन अवसर पर सैकड़ों श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना कर भैरवनाथ से मनौतियां मांगी। भैरवनाथ को केदारपुरी का क्षेत्र रक्षक माना जाता है और भैरवनाथ के कपाट खुलने के बाद ही बाबा केदारनाथ मंदिर में विधिवत पूजा-अर्चना के साथ आरती शुरू किये जाने की परम्परा है। आज रात को बाबा केदारनाथ में पहली आरती भी शुरू हो जायेगी।

बता दें कि भगवान केदारनाथ के कपाट बंद होने से पूर्व भुकुंट भैरवनाथ के कपाट बंद किये जाने की परम्परा है और जब भगवान केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल से प्रवास करती है तो उससे एक दिन पहले रात्रि भर भुकुंट भैरवनाथ की पूजा-अर्चना की जाती है, जिसके बाद भैरवनाथ केदारपुरी को चले जाते हैं और बाबा की डोली विभिन्न पड़ावों से होकर केदारनाथ धाम पहुंचती है। भुकुंट भैरवनाथ के कपाट मंगलवार व शनिवार को ही खोले और बंद किये जाते हैं और केदारनाथ में भगवान भैरवनाथ के कपाट खुलने के बाद ही केदारनाथ मंदिर में विधिवत पूजा-अर्चना और आरती शुरू होती है।

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शुक्रवार को बाबा केदारनाथ के कपाट आम श्रद्धालुओं को खोले जाने के बाद आज शनिवार को भुकुंट भैरवनाथ के कपाट भी खोल दिये गये हैं। केदारनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी टी गंगाधर लिंग ने आज केदारनाथ मंदिर से एक किमी की दूरी पर स्थित दक्षिण दिशा में स्थित भैरवनाथ मंदिर में पहुंचकर पूजा-अर्चना कर कपाट खोले। कपाट खुलने के मौके पर सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु भी मौजूद रहे। विधि-विधान से कपाट खोलने के बाद भक्तों ने भैरवनाथ के दर्शन किए। भैरवनाथ को भगवान शिव का ही रूप माना जाता है। यहां मूर्तियां भैरव की हैं, जो बिना छत के स्थापित हैं। भगवान भैरवनाथ को क्षेत्र के संरक्षक के रूप में पूजा जाता है। लोक कथाओं के अनुसार जब सर्दियों में केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद रहते हैं, तब भैरनाथ मंदिर की रखवाली करते हैं।

केदारनाथ के क्षेत्रपाल भैरवनाथ के कपाट विधि-विधान से खुले, उमड़े श्रद्धालु