Kedarnath Dham देश के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यहां पहुंचने के लिए हर साल भक्तों का तांता लगा रहता है। Kedarnath Dham में छह माह ही बाबा केदार की पूजा होती है। सर्दियों में अधिक बर्फबारी के कारण विग्रहों को उखीमठ लाया जाता है। वहीं पर उनकी पूजा अर्चना होती है। मंदिर के कपाट अक्टूबर में बंद होने के बाद पुन: 6 महीने बाद खुलते हैं। यानी कि बाबा के कपाट सिर्फ मई से अक्टूबर तक खुले रहते हैं। बाकी के महीने यानी की नवंबर से अप्रैल तक केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद रहते हैं।

Kedarnath Dham जाने का सबसे सही समय
मई से जून
यूं तो इन महीनों में से आप कभी भी भोले बाबा के दर्शन कर सकते हैं लेकिन मई और जून में बारिश न के बराबर होती है और ठंड भी कम पड़ती है। इसके अलावा इस समय भीड़ भी बहुत ज्यादा पड़ती है तो जब भी जाएं अपनी होटल की बुकिंग हैलीकॉप्टर की बुकिंग पहले से ही कराकर जाए, धाम में रुकने के लिए जीएमवीएन के अलावा कुछ ही लोग ऐसे हैं जो प्राइवेट होटल और टैंट वगैरह की सुविधा देते हैं। GMVN के होटल या फिर अपने होटल की बुकिंग पहले से ही करा कर जाएं।
जुलाई से अगस्त
इन दोनों महीने भारत में मॉनसून रहता है। इसिलिए पहाड़ों में जाने से बचना चाहिए क्योंकि इस समय पहाड़ों में भूस्खलन होना आम बात है। इसके साथ ही 16 से लगभग 18 किलोमीटर का पैदल ट्रैक भी है बारिश की वजह से रास्ते भी टूट सकते हैं। इसिलिए इस दौरान श्रद्धालुओं की संख्या भी काफी कम रहती है।
सितंबर से अक्टूबर
सितंबर और अक्टूबर में केदारनाथ की यात्रा करने का फायदा ये है कि इस दौरान भी श्रद्धालुओं की भीड़ कम रहती है। लेकिन आपको इस दौरान ठंठ से बचने के लिए अपने साथ गर्म कपड़े अवश्य रखने होंगे।
दिल्ली से केदारनाथ रोड मैप
दिल्ली से हरिद्वार 206 किमी, हरिद्वार से ऋषिकेश 24 किलोमीटर, ऋषिकेश से देवप्रयाग 74 किलोमीटर, देवप्रयाग से श्रीनगर 34 किलोमीटर, श्रीनगर से रुद्रप्रयाग 33 किलोमीटर, रुद्रप्रयाग से गौरीकुंड (तिलवाड़ा , अगस्तमुनि-चंद्रपुरी-कुंड-गुप्तकाशी–फाटा-सीतापुर-सोनप्रयाग) 74 किलोमीटर गौरीकुंड से केदारनाथ 16 से 18 कोलोमीटर की यात्रा को आप पैदल पूरी कर सकते हैं।
रेल मार्ग से कैसे पहुंचे Kedarnath dham
ऋषिकेश, केदारनाथ से सबसे पास वाला रेलवे स्टेशन है। ये लगभग 220 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह भारत के अन्य शहरों और कस्बों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। रेलवे स्टेशन से आप गौरीकुंड के लिए टैक्सी या बस से जा सकते हैं।
हवाई मार्ग कैसे पहुंचे Kedarnath dham
जॉली ग्रांट हवाई अड्डा केदारनाथ से लगभग 239 किमी की दूरी पर स्थित है। दिल्ली एयरपोर्ट से जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर उतरने के बाद आप ऋषिकेश से गौरीकुंड के लिए टैक्सी या बस ले सकते हैं।
सड़कें-
दिल्ली और केदारनाथ के बीच की अधिकांश सड़के यूं तो चौड़ी हैं यहां बस या गाड़ी से आप आसानी से पहुंच सकते हैं लेकिन बरसात के मौसम में यात्रा संभल कर करें क्योंकि इस समय पहाड़ों पर जाना किसी खतरे से खाली नहीं रहता इस दौरान यहां भूस्खलन की संभावना ज्यादा रहती है।
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गौरीकुंड से केदारनाथ
आप गौरीकुंड से सुबह सुबह निकल सकते हैं ताकि आप आराम से ट्रैकिंग कर सकें। इसके अलावा रास्ते में आपको खाने पीने की भी सारी व्यवस्थाएं मिल जाएंगी तो आप अपने साथ ज्यादा सामान कैरी ना करें औऱ गर्म कपड़े अवश्य ले जाए क्योंकि वहां का मौसम ठंडा रहता है। यदि आप पैदल नही चल सकते तो आप पालकी या घोड़े से भी जा सकते हो। इसके अलावा हेलिकॉप्टर सेवा आपको फाटा,गुप्तकाशी सिरसी से मिल जाएगी।
केदारनाथ से अलग अलग जगहों से दूरी
दिल्ली से हरिद्वार 250 से 300 किलोमीटर
हरिद्वार से ऋषिकेश-24 किलोमीटर
ऋषिकेश के देवप्रयाग -71 किलोमीटर
देवप्रयाग से श्रीनगर -35 किलोमीटर
श्रीनगर से रुद्रप्रयाग-32 किलोमीटर
रुद्रप्रयाग से गुप्तकाशी-45 किलोमीटर
गुप्तकाशी से सोनप्रयाग-31 किलोमीटर
सोनप्रयाग से गौरीकुंड-5 किलोमीटर
गौरीकुंड से केदारनाथ -16 किलोमीटर
हेलीकॉप्टर का किराया
Kedarnath Dham पहुंचने का किराया
जगह वन वे ट्रिप राउंड ट्रिप
गुप्तकाशी से केदारनाथ 3875 7750
फाटा से केदारनाथ 2360 4720
सिरसी से केदारनाथ 2340 4680
पालकी का किराया
जगह दूरी 75 किलो तक 90 किलो तक 90 किलो से
गौरीकुंड से केदारनाथ 16 4550 5550 6550
गौरीकुंड से केदारनाथ 32 7950 8950 10,650
केदानाथ से गौरीकुंड 16 3950 950 5850
खच्चर का किराया
सोनप्रयाग से केदारनाथ 19 किलोमीटर 2500
गौरीकुंड से केदारनाथ 14 किलोमीटर 2300
केदारनाथ से गौरीकुंड 19 किलोमीटर 1500
केदारनाथ से सोनप्रयाग 19 किलोमीटर 1700
केदारनाथ में रात्री विश्राम
Kedarnath Dham में रात्री विश्राम है आपको यहां टेंट या गेस्ट हाउस में रहना होगा इसके अलावा आप लिनचौली यानी की केदारानाथ से 4 किलोमीटर दूर टेंट में भी रुक सकते हैं।
Kedarnath dham में भूलकर भी ना करें ये गलतियां
यदि आप केदारनाथ जाना चाहते हो तो मॉनसून के मौसम में जानें से बचें।
अपने साथ सर्दियों के कपड़े जरुर रखें।
पहाड़ों में कभी भी बारिश हो सकती है इसिलिए अपने साथ छाता रेनकोट जरूर रखें।
गौरीकुंड से केदारनाथ पैदल चलते हुए आराम से चलें ज्यादा भाग के ना चलें वरना आपको सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।
पैदल यात्रा की शुरुआत सुबह जल्दी उठकर करें ताकि दिन तक आप धाम आराम से पहुंच सके।
12 साल से छोटे बच्चों को साथ न ले जाएं क्योंकि मौसम का यहां कोई भरोसा नहीं रहता है, इसके अलावा ऑक्सीजन लेवल भी काफी कम रहता है।
यहां जाने से पहले सांस से जुड़ी एक्सरसाइज जरुर करें जिससे आपको सांस लेने में ज्यादा दिक्कत नहीं होगी।
होटल की बुकिंग पहले से ही करके रखें क्योकि भीड़ के चलते पीक सीजन में रुम मिलना मुश्किल होता है।