UTTARAKHAND DEVBHOOMI DESK:जोशीमठ शहर कुछ समय से भू-धँसाव की समस्या से जूझ रहा था और स्थानीय लोग काफी समय से विस्थापन(JOSHIMATH LANDSLIDE LATEST NEWS) और मुआवजे की माँग कर रहे थे। अब जोशीमठ के लोगों को विस्थापित करने का प्लान पूरी तरह से तैयार हो चुका है। बता दें शहर की सुरक्षा के लिए करीब 900 मकानों को गिराने की योजना सरकार बना चुकी है। जनवरी में भूधंसाव शुरू होने पर सरकार ने गांधीनगर, सिंहधार, मनोहर बाग और सुनील वार्ड को आपदा ग्रस्त घोषित कर दिया था। अब इन स्थानों से लोगों को विस्थापित करने की तैयारी है।
जोशीमठ से विस्थापित होने वाले परिवारों को सरकार फिलहाल गौचर में बसाने की तैयारी में है। उत्तराखंड सरकार ने गौचर में जोशीमठ के विस्थापितों के लिए 25 हेक्टेयर की भूमि चिह्नित कर ली है।(JOSHIMATH LANDSLIDE LATEST NEWS) उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा के अनुसार केंद्र सरकार को जोशीमठ की पोस्ट डिजास्टर नीड एसेसमेंट (पीडीएनए) रिपोर्ट सौंप दी गई है। बता दें केंद्र सरकार, जोशीमठ में सुरक्षा कार्य व प्रभावितों के विस्थापन के लिए प्रथम चरण में 1465 करोड़ रुपये देने जा रही है। बाकी 335 करोड़ रुपये की राशि राज्य सरकार वहन करेगी।
JOSHIMATH LANDSLIDE LATEST NEWS:विस्थापन के मिलेंगे दो विकल्प
उत्तराखंड सरकार ने केंद्र सरकार को पीडीएनए रिपोर्ट भेजी है, रिपोर्ट में सरकार ने विस्थापन की प्रक्रिया का खाका भी केंद्र को भेजा है।(JOSHIMATH LANDSLIDE LATEST NEWS) राज्य सरकार गौचर में चिह्नित भूमि पर विस्थापन के लिए सरकार दो विकल्प देने जा रही है। पहला तो ये कि लोग जोशीमठ की संपत्ति का मुआवजा ले लें और स्वयं ही मकान बनवा लें। या फिर सरकार द्वारा बनाए गए भवन रख सकते हैं।
पूरे राज्य में होगा सर्वे
जोशीमठ आपदा से सबक लेने के बाद राज्य के अन्य पर्वतीय शहरों की बियरिंग और कैरिंग कैपिसिटी का सर्वे कराया जा रहा है। राज्य सरकार अब बड़े स्तर पर उत्तराखंड में भवनों के सर्वे का काम शुरू करने जा रही है इसके लिए प्रदेश के सभी 13 जिलों में 7 सदस्य कमेटी बनाने का भी निर्णय लिया गया है (JOSHIMATH LANDSLIDE LATEST NEWS) जिलाधिकारी की अध्यक्षता में यह 7 सदस्य कमेटी गठित की जाएगी और पअभी जिलों के डेंजर जोन बने भवनों का यह समितियां अध्ययन करेंगी जिसकी एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करके सरकार को सौंप दी जाएगी।
जोशीमठ भू-धँसाव की रिपोर्ट हुई सार्वजनिक, तो ये हैं शहर के धँसने के कारण
भूकंप, भू-स्खलन, भू-धंसाव से बचाने की है तैयारी
उत्तराखंड सरकार राज्य के सभी जनपदों में वर्तमान में निर्मित ऐसे भवन जों भूकंप, भू-स्खलन, भू-धंसाव, अतिवृष्टि की दृष्टि से जोखिम भरे भवनों की श्रेणी में आते हैं।(JOSHIMATH LANDSLIDE LATEST NEWS) उन्हें चिन्हित कर सुरक्षित करने को मानक संचालन प्रक्रिया संबंधी प्रस्ताव पर विचार कर रही है। जल्द ही इस पर काम किए जाने की संभावना है।
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