Jivitputrika Vrat 2022 : जानें किस दिन रखा जाएगा Jivitputrika Vrat, 17 सितंबर या 18?

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Jivitputrika Vrat 2022 
Jivitputrika Vrat 2022 
Jivitputrika Vrat माताएं
 अपनी संतान की लंबी आयु के
 लिए रखती है। ये व्रत निर्जली होता है।

Jivitputrika Vrat 2022 

हर साल अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जीवित्पुत्रिका (Jivitputrika Vrat 2022) व्रत रखा जाता है।ये व्रत माताएं अपनी संतान की लंबी आयु के लिए रखती है। ये व्रत निर्जली होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, 17 सितंबर को दोपहर 2 बजकर 14 मिनट पर अष्टमी तिथि प्रारंभ हो रही है और 18 सितंबर को दोपहर 4 बजकर 32 मिनट पर समाप्त होगी। उदिया तिथि के कारण जीवित्पुत्रिका व्रत 18 सितंबर को ही रखा जाएगा। जबकि 19 सितंबर को सुबह 6 बजकर 10 मिनट के बाद व्रत का पारण किया जाएगा।

Jivitputrika Vrat 2022 
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Jivitputrika Vrat 2022 पौराणिक कथा

एक कथा के अनुसार कहा जाता है कि महाभारत युद्ध में अपने पिता की मौत के बाद अश्वत्थामा बहुत नाराज था, उसके ह्रदय में बदले की भावना भड़क रही थी। इसी के चलते वो पांडवों के शिविर में घुस गया। शिविर के अंदर 5 लोग सो रहे थे। अश्वथामा ने पांडव समझकर उन्हें मार दिया। वे सभी द्रौपदी की 5 संतानें थी। फिर अर्जुन ने उसे बंदी बनाकर उसकी दिव्य मणि छीन ली। अश्वथामा ने बदला लेने के लिए अभिमन्यु की पत्नी उतरा के गर्भ में पल रहे बच्चे को गर्भ में ही नष्ठ कर दिया। ऐसे में भगवान श्री कृष्ण ने अपने सभी पुण्यों का फल उत्तरा की अजन्मी संतान को देकर उसका गर्भ फिर से जिवित कर दिया। गर्भ में मरकर जीवित होने के कारण उस बच्चे का नाम जीवित्पुत्रिका पड़ा। तब से ही संतान की लंबी उम्र और मंगल के लिए जितिया का व्रत किया जाने लगा।

Jivitputrika Vrat 2022 
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सावधानियां

व्रत रखने वाली महिलाएं एक दिन पहले ही तामसिक भोजन ना करें। संयम का दूसरा नाम ही व्रत है इस दौरान मन वचन और कर्म की शुद्धता आवश्यक है, इसके साथ ही प्याज, लहसुन और मांसाहार का सेवन ना करें।

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