चमोली (संवाददाता- पुष्कर सिंह नेगी): 8 मार्च यानी की आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। महिलाओं के सम्मान में बहुत से कार्यक्रम भी किये जाते हैं, लेकिन महिलाओं को एक दिन सम्मान देना कोई मायने नही रखता हैं। महिलाओं को हर दिन और हर रूप में सम्मान मिलना चाहिए। वहीं दूसरी ओर अगर चमोली जिले की बात करें तो जिले के नौ ब्लाकों में हर छोटे स्तर पर महिलाओं के सम्मान में कार्यक्रम हो रहे हैं। वहीं दशोली ब्लॉक के कठूड़ गांव में भी महिला दिवस पर अनेक कार्यक्रम और पर्यावरण को बचाने को लेकर वहां की महिलाओं ने अपने विचार रखे।
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कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रुप में केदारनाथ वन प्रभाग की रैंजर आरती मैठाणी का कहना है कि महिलाएं घर से बाहर निकली जरूर हैं। लेकिन आज भी उनका शोषण होता है। वहीं एक शिक्षक का कहना है मुझे एक बच्चे से प्रेरणा मिली जो सामान्य नहीं था और उसको स्कूल से निकाल दिया गया था उससे प्रेरित होकर मैंने ऐसे बच्चों को पढ़ाने का निर्णय लिया जो सामान्य बच्चों से अलग होते हैं। मानसिक विकास पूरी तरह से नहीं होने के कारण वह सामान्य जीवन नहीं जी पाते हैं। वहीं गांव की महिलाओं का कहना है कि उनको आज के दिन सम्मान में जो सम्मान मिल रहा है वह हमेशा मिलता रहना चाहिए तभी ग्रामीण इलाकों की महिलाओं को सम्मान मिल सकता है।
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